ईरान के स्पेस प्रोग्राम से घबरा गया है अमेरिका, प्रतिबंध लगाने तक की दी है चेतावनी
ईरान के स्पेस प्रोग्राम से अमेरिका इस कदर डरा हुआ है कि उसपर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी तक दे डाली है। अमेरिका ने यहां तक कहा है कि इसका खामियाजा उसको उठाना होगा।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 04 Jan 2019 01:19 PM (IST)
वाशिंगटन। अमेरिका और ईरान के बीच लगातार रिश्ते बिगड़ते जा रहे हैं। पहले ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर इन दोनों देशों के बीच खाई गहरी हुई थी। इसके बाद दोनों देशों के बीच हुई परमाणु डील को अमेरिका द्वारा तोड़ने के बाद यह खाई और चौड़ी हो गई। बीते वर्ष भी कई मौके ऐसे आए जब अमेरिका विभिन्न मुद्दों पर ईरान को चेतावनी देता नजर आया। वर्तमान में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पेई की तरफ से ईरान को उसके स्पेस प्रोग्राम को लेकर चेतावनी दी है।
आगे बढ़ने से पहले आपको यहां पर ये बता दें कि अपने स्पेस प्रोग्राम के तहत ईरान आने वाले कुछ माह के दौरान तीन सैटेलाइट लॉन्च करने वाला है। वहीं अमेरिका ने इस प्रोग्राम को अपनी सुरक्षा से जोड़ दिया है। अमेरिका की तरफ से कहा गया है कि इसकी आड़ में ईरान तकनीकी क्षमता का परिक्षण करने वाला है। यह तकनीक अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल को छोड़ने में कारगर साबित हो सकती है। ईरान की यह तकनीक अमेरिका समेत दूसरे देशों से युद्ध को लेकर तैयार की गई है।
माइक ने साफ कर दिया है कि यदि ईरान ने अपने प्रोजेक्ट को नहीं रोका को उस पर और अधिक प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे। अमेरिका ईरान द्वारा विश्व को खतरे में डालने के मसले पर खामोश नहीं रहा सकता है। उन्होंने ईरान को सलाह भी दी है कि वह मिसाइल प्रोग्राम से जुड़ी अपनी सभी एक्टिविटी को तुरंत रोक दे, नहीं तो इसका नुकसान उठाना पड़ेगा। इससे न सिर्फ वह आर्थिक नुकसान झेलेगा बल्कि वैश्विक मंच पर भी अलग-थलग पड़ जाएगा। अमेरिका ने ईरान के इस स्पेस प्रोग्राम को यूएनएससी के पारित प्रस्ताव 2015 के खिलाफ बताया है।
अपने बयान में उन्होंने कहा है कि रूस ने 12 वर्ष पूर्व ईरान के जिस सैटेलाइट को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया था वह ऐसे मार्ग पर स्थापित किया गया है जहां से न्यूयॉर्क पर नजर रखी जा सकती है। हालांकि ईरान ने अमेरिका की चिंताओं को दरकिनार करते हुए साफ कर दिया है कि वह अपने स्पेस प्रोग्राम को नहीं रोकने वाला है। ईरान की तरफ से साफ कर दिया गया है कि उसका प्रोग्राम न तो यूएन के प्रस्ताव 2231 का उल्लंघन करता है और न ही यह परमाणु डील के खिलाफ है।
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