'यह कमजोरी की निशानी', युद्ध में उत्तर कोरिया के सैनिकों को शामिल करने पर भड़का अमेरिका; रूस को सुनाई खरी-खरी
Russia- Ukraine War यूक्रेन के साथ युद्ध में उत्तर कोरिया के सैनिकों को शामिल करने पर अमेरिका रूस पर भड़क गया है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा है कि 100 साल में पहली बार रूस ने विदेशी सैनिकों को बुलाया है और यह कमजोरी की निशानी है। अमेरिका का दावा है कि 8 हजार सैनिकों को तैनात किया गया है।
आईएएनएस, वाशिंगटन। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि रूस ने कुर्स्क क्षेत्र में 8,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों को तैनात किया है। आने वाले दिनों में इनके युद्ध में शामिल होने की उम्मीद है। हमारा आकलन है कि रूस में अब 10,000 उत्तर कोरियाई सैनिक हो गए हैं।
विदेश मंत्री का कहना है कि रूस उत्तर कोरियाई सैनिकों को तोपखाने, मानव रहित हवाई वाहनों और पैदल सेना संचालन में प्रशिक्षण दे रहा है। यह दर्शाता है कि उन सैनिकों को फ्रंट-लाइन आपरेशन में उपयोग करने का इरादा है। ब्लिंकन ने कहा कि 100 वर्षों में पहली बार है, जब रूस ने अपने देश में विदेशी सैनिकों को आमंत्रित किया है। यह कमजोरी की निशानी है।
तनाव को रोकने के लिए अमेरिका ने चीन से रूस और उत्तर कोरिया पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का आह्वान किया है। वाशिंगटन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने कहा कि यूक्रेन संकट पर चीन की स्थिति स्पष्ट है। चीन शांति वार्ता और यूक्रेन संकट के राजनीतिक समाधान के लिए प्रयासरत है।
(अमेरिका का दावा है कि रूस ने 10 हजार उत्तर कोरियाई सैनिकों को तैनात किया है। File Image)
यूक्रेन युद्ध का विश्व पर पड़ रहा प्रभाव : ट्रूडो
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि यूक्रेन युद्ध का विश्व पर प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने मॉस्को पर खाद्य असुरक्षा को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय कानून को कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा कि इस युद्ध का परिणाम सभी को भुगतना पड़ेगा।
वहीं, कीव का आरोप है कि 20,000 बच्चों को बिना परिवार की सहमति के यूक्रेन से रूस या रूसी कब्जे वाले क्षेत्र में ले जाया गया। यह युद्ध अपराध है, जबकि मॉस्को का कहना है कि उसने युद्ध क्षेत्र में बच्चों की रक्षा की है।