अमेरिका में H-1B Visa रजिस्ट्रेशन और आवेदन को लेकर नई प्रणाली लॉन्च, बाइडन प्रशासन ने बताया क्यों उठाया गया कदम
अमेरिका में एच-1बी वीजा और ग्रीन कार्ड बैकलॉग में सुधार को लेकर राष्ट्रपति जो बाइडन हर संभव प्रयास कर रहे हैं।बुधवार को अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा एजेंसी ने एच-1बी वीजा रजिस्ट्रेशन व आवेदन को लेकर नई प्रणाली लॉन्च करने की घोषणा की है। व्हाइट हाउस ने कहा कि हाल में ही आव्रजन प्रणाली में धोखाधड़ी की संभावना को कम करने के लिए होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने कदम उठाए हैं।
पीटीआई, वाशिंगटन। अमेरिका में एच-1बी वीजा और ग्रीन कार्ड बैकलॉग में सुधार को लेकर राष्ट्रपति जो बाइडन हर संभव प्रयास कर रहे हैं। बुधवार को अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआइएस) एजेंसी ने एच-1बी वीजा रजिस्ट्रेशन व आवेदन को लेकर नई प्रणाली लॉन्च करने की घोषणा की है। इससे एक संगठन के भीतर कई लोगों के साथ-साथ उनके कानूनी प्रतिनिधियों को एच-1बी पंजीकरण और एच-1बी आवेदन पर सहयोग करने और तैयार करने की अनुमति मिलेगी।
इस लिए उठाया गया कदम
व्हाइट हाउस ने कहा कि हाल में ही आव्रजन प्रणाली में धोखाधड़ी की संभावना को कम करने के लिए होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने कदम उठाए हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरीन जीन पियरे ने बुधवार को नियमित प्रेस वार्ता में संवाददाताओं द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि बाइडन प्रशासन वीजा प्रणाली और ग्रीन कार्ड में सुधार को लेकर लगातार कदम उठा रहा है।वहीं, यूएससीआईएस ने कहा कि मार्च में हम ऑनलाइन गैर-कैप एच1बी आवेदनों के लिए फार्म आइ-129 और संबंधित फार्म आइ-907 की ऑनलाइन फाइलिंग शुरू करेंगे। 1 अप्रैल को यूएससीआईएस एच-1बी कैप आवेदनों और संबंधित फार्म आइ-907 के लिए ऑनलाइन फाइलिंग स्वीकार करना शुरू कर देगा। 'फार्म आई-907' का प्राथमिक उद्देश्य प्रीमियम प्रोसेसिंग के लिए पात्र के रूप में नामित कुछ आवेदनों पर प्रीमियम प्रोसेसिंग सेवा का अनुरोध करना है।
भारत की अध्यक्षता में क्वाड अपनी गति बरकरार रखेगा: अमेरिका
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरीन जीन-पियरे ने कहा कि बाइडन प्रशासन को उम्मीद है कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान की सदस्यता वाला संगठन क्वाड 2024 में भारत की अध्यक्षता में पिछले तीन साल साल की गति को बरकरार रखेगा। इसी तरह भारत, इजरायल, यूएई और अमेरिका से मिलकर बना आइटूयूटू समूह भी बाइडन प्रशासन के लिए प्राथमिकता बना हुआ है, पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष के कारणों का इस पर असर नहीं पड़ेगा।
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