भारतीय अमेरिकियों को निशाना बनाकर किया 130 मिलियन अमेरिकी डॉलर का फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी को रोकने के लिए US SEC को मिली आपातकालीन राहत
Fraud in US सेक्यूरिटी और एक्सचेंज कमिशन (Securities and Exchange Commission) ने सोमवार को घोषणा की कि उसने भारतीय अमेरिकी समुदाय को निशाना बनाकर चल रही धोखाधड़ी को रोकने के लिए एक अस्थायी रूप से रोकने का आदेश दिया है। साथ ही संपत्ति जब्ती और अन्य आपातकालीन राहत देने की भी बात कही गई है।
पीटीआई, वाशिंगटन। सेक्यूरिटी और एक्सचेंज कमिशन (Securities and Exchange Commission) ने सोमवार को घोषणा की कि उसने भारतीय अमेरिकी समुदाय को निशाना बनाकर चल रही धोखाधड़ी को रोकने के लिए एक अस्थायी रूप से रोकने का आदेश दिया है। साथ ही संपत्ति जब्ती और अन्य आपातकालीन राहत देने की भी बात कही गई है। इस धोखाधड़ी में अप्रैल 2021 से लगभग 130 मिलियन अमेरिकी डॉलर जुटाए हैं।
एसईसी ने एक प्रेस बयान में कहा कि नानबन वेंचर्स एलएलसी के तीन संस्थापक गोपाल कृष्णन, मणिवन्नन शनमुगम और शक्तिवेल पलानी गौंडर हैं। इन सभी को सामूहिक रूप से संस्थापक के रूप में जाना जाता है।इसके अलावा तीन अन्य संस्थाएं जिन पर इन संस्थापकों का नियंत्रण है, कथित तौर पर धोखाधड़ी में शामिल हैं।
टेक्सास के पूर्वी जिले के लिए अमेरिकी जिला न्यायालय में खुली एसईसी शिकायत में आरोप लगाया गया कि प्रतिवादियों ने कथित उद्यम पूंजी कोष (Purported venture capital funds) में निवेश के लिए 350 से अधिक निवेशकों से 89 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक जुटाए। यह धनराशि सभी संस्थापकों ने नानबन वेंचर्स एलएलसी के माध्यम से मैनेज किया किया गया। उन्होंने 10 निवेशकों से 39 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक जुटाए, जिसे बाद में संस्थापकों द्वारा नियंत्रित तीन अन्य संस्थाओं में सीधे निवेश किया गया।
संस्थापकों ने निवेश की Profitability को बढ़ा-चढ़ाकर बताया
शिकायत में कहा गया है कि संस्थापकों ने निवेश की लाभप्रदता (Profitability) को बढ़ा-चढ़ाकर बताया और निवेशकों को नकली मुनाफे में कम से कम 17.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया जो वास्तव में पोंजी भुगतान था। एसईसी ने आरोप लगाया कि प्रतिवादियों ने कृष्णन की विशेषज्ञता और सफलता को उनके नाम वाले 'जीके स्ट्रैटेजीज' विकल्प ट्रेडिंग पद्धति का उपयोग करके गलत तरीके से प्रस्तुत किया।
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