Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में नहीं थम रही हिंसा, सरकार गिरने के बाद 232 लोगों की मौत; जेल से 209 कैदी भी हुए फरार
Bangladesh Crisis बांग्लादेश में बीते दिनों शुरू हुआ आरक्षण को लेकर घमासान और हिंसा अभी भी जारी है। शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद हुई हिंसा की घटनाओं में कम से कम 232 लोग मारे जा चुके हैं। वहीं मध्य जुलाई में आरक्षण विरोधी प्रदर्शन शुरू होने के बाद से अब तक मरने वालों की संख्या 560 हो गई है।
ऑनलाइन डेस्क, वॉशिंगटन। बांग्लादेश में सोमवार को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद देशभर में भड़की हिंसा की घटनाओं में कम से कम 232 लोग मारे गए हैं। गुरुवार को मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। इसके साथ ही मध्य जुलाई में आरक्षण विरोधी प्रदर्शन शुरू होने के बाद से अब तक मरने वालों की संख्या 560 हो गई है।
शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और अपने शासन के खिलाफ कई सप्ताह तक चले उग्र छात्र विरोध प्रदर्शनों के बाद देश छोड़कर भाग गईं।
23 दिनों में मारे गए 560 लोग
प्रोथोम अलो अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, हसीना के पद से हटाए जाने के बाद बुधवार शाम तक कुल 232 लोगों की मौत हो चुकी है।इससे पहले, 16 जुलाई से 4 अगस्त तक सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली को लेकर हुए आंदोलन में हुई झड़पों में लगभग 328 लोग मारे गए थे। कुल मिलाकर, पिछले 23 दिनों में लगभग 560 लोग मारे गए।बुधवार तक 21 और लोगों की मौत हो चुकी है। 232 लोगों में से ज्यादातर की मौत मंगलवार को हुई। इनमें से कुछ की मौत इलाज के दौरान हुई।
जेल से 209 कैदी हुए फरार
गाजीपुर में मंगलवार को काशीपुर की उच्च सुरक्षा वाली जेल से करीब 209 कैदी भाग गए। जेल के सुरक्षाकर्मियों ने कैदियों को भागने से रोकने के लिए गोलियां चलाईं। जेल सूत्रों ने बताया कि इस घटना में तीन आतंकवादियों समेत छह लोगों की मौत हो गई।पुलिस मुख्यालय ने सभी से पुलिस कर्मियों के साथ सहयोग करने का अनुरोध किया है, ताकि वे अपने कार्यस्थल पर वापस आ सकें।
हसीना के पद से हटाए जाने के बाद से ही देश में सुरक्षा संबंधी चिंताएं व्याप्त हैं, क्योंकि सुरक्षा कर्मियों पर घातक हमलों की खबरों के बीच अपनी सुरक्षा को लेकर आशंकाओं का हवाला देते हुए पुलिस ने काम से दूरी बनाए रखी है।यह आह्वान गुरुवार सुबह पुलिस मुख्यालय से भेजे गए एक संक्षिप्त संदेश के माध्यम से किया गया।