Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

राष्ट्रपति बना तो... विवेक रामास्वामी ने सुनाई ट्रंप को 'खुशखबरी', US के मौजूदा न्याय प्रणाली पर उठाया सवाल

Vivek Ramaswamy 38 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी कारोबारी विवेक रामास्वामी राष्ट्रपति पद के दावेदारों में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। रामास्वामी ने पिछले महीने रिपब्लिकन प्राइमरी प्रेसिडेंशियल डिबेट में कैपिटल हिल मामले में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर राजनीति से प्रेरित होकर कार्रवाई करने का आरोप लगाया था। उन्होंने बुधवार को कहा कि अमेरिका में इस समय द्विस्तरीय न्याय प्रणाली काम कर रही है।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Thu, 07 Sep 2023 04:13 PM (IST)
Hero Image
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में उतरे रिपब्लिकन पार्टी की ओर से दावेदारी पेश कर रहे विवेक रामास्वामी।

वॉशगटन, पीटीआई। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी की ओर से दावेदारी पेश कर रहे भारतवंशी विवेक रामास्वामी ने कहा है कि यदि वह 2024 में निर्वाचित हुए तो छह जनवरी के सभी शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को माफी दे देंगे। इससे पहले वह पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को माफी देने की बात कह चुके हैं।

38 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी कारोबारी विवेक रामास्वामी राष्ट्रपति पद के दावेदारों में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। रामास्वामी ने पिछले महीने रिपब्लिकन प्राइमरी प्रेसिडेंशियल डिबेट में कैपिटल हिल मामले में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर राजनीति से प्रेरित होकर कार्रवाई करने का आरोप लगाया था।

अमेरिका के मौजूदा न्याय प्रणाली पर विवेक रामास्वामी ने उठाए सवाल

उन्होंने बुधवार को कहा कि अमेरिका में इस समय द्विस्तरीय न्याय प्रणाली काम कर रही है। जिसमें एंतिफा और बीएलएम दंगाई खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि राष्ट्रपति चुनाव में धांधली के खिलाफ छह जनवरी, 2021 को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले 1,000 लोगों को बाइडन के 'अन्याय विभाग' ने बिना जमानत जेल में डाल दिया। यह न्याय पर एक काला धब्बा और लोगों के मूल अधिकारों का उल्लंघन है।

ट्रंप को राजनीतिक प्रक्रिया के तहत निशाना बनाया गया: विवेक

रामास्वामी ने कहा कि यदि मैं अमेरिका का राष्ट्रपति चुना गया तो देश की एकता को कायम रखते हुए उन सभी अमेरिकियों को माफ कर दूंगा जिन्हें राजनीतिक संघवाद प्रक्रिया के तहत निशाना बनाया गया। इसमें छह जनवरी के शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए ट्रंप समर्थकों ने अमेरिकी संसद भवन पर धावा बोल दिया था।