बढ़ सकती है राष्ट्रपति पुतिन की मुश्किलें! रूस-यूक्रेन युद्ध पर आई यूएन की रिपोर्ट में हुए कई हैरतअंगेज खुलासे
Russia-Ukraine war के 7 माह पूरे होने पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा गठित स्वतंत्र जांच आयोग ने अपनी पहली रिपोर्ट मानवाधिकार परिषद को सौंप दी है। इसमें कई हैरतअंगेज खुलासे किए गए हैं। आयोग ने रूस पर लगे युद्ध अपराध के आरोपों को सही माना है।
By JagranEdited By: Kamal VermaUpdated: Sat, 24 Sep 2022 01:48 PM (IST)
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। रूस-यूक्रेन युद्ध को 7 महीने पूरे हो गए है। 7 माह में पहली बार इस बारे में यूएन ने अपनी एक खास रिपोर्ट को दुनिया के सामने रख दिया है। इस रिपोर्ट में कई हैरतअंगेज खुलासे किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि रूस ने युद्धअपराधों को अंजाम दिया है। रिपोर्ट का ये पहलू इसलिए भी खास है क्योंकि अमेरिका और यूक्रेन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर युद्ध अपराधी होने का आरोप लगाया था। इन दोनों ही देशों ने कहा था कि राष्ट्रपति पुतिन पर युद्धअपराधों के लिए मामला चलाया जाना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट सामने आने के बाद उनका ये दावा और पुख्ता हो गया है। बता दें कि मानवाधिकार परिषद के सदस्य देशों के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र ने मार्च में एक स्वतंत्र जांच आयोग गठित किया था। इसने ही अब अपनी पहली रिपोर्ट दी है।
रूसी सेना ने दिया युद्ध अपराधों को अंजाम
इस रिपोर्ट में मानवाधिकार जांचकर्ताओं ने माना है कि हिंसक संघर्ष के दौरान रूस ने यूक्रेन में युद्ध अपराधों को अंजाम दिया है। इस आयोग ने यूक्रेन के कीव, चेरनिहीव, खारकीव और सूमी क्षेत्रों में जांच के बाद ये रिपोर्ट जारी की है। इन इलाकों में रूसी सैनिकों या रूस-समर्थित सुरक्षा बलों पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के गंभीर आरोप लगे थे। हालांकि राष्ट्रपति पुतिन अपनी सेना के जवानों के खिलाफ लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते रहे हैं। लेकिन अब इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद हालात बद सकते हैं।
आयोग ने एकत्रित की कई जानकारियां
इस आयोग के प्रमुख ऐरिक मोसे के मुताबिक जांच के दौरान सदस्य 27 शहरों और अलग-अलग बस्तियों में गए और लोगों से इस बारे में जानकारी इकट्ठा की। रिपोर्ट में करीब 150 से अधिक पीड़ितों व प्रत्यक्षदर्शियों की बातचीत को भी शामिल किया गया है। आयोग ने जांच के दौरान कब्रों, हिरासत और यातना केंद्रों का भी निरीक्षण किया और वहां मौजूद अवशेषों की भी जांच की।मानवाधिकार उल्लंघन के मामले
मोसे ने रिपोर्ट जारी करने के बाद जिनेवा में बताया कि अभी तक तथ्यों के आधार पर चार क्षेत्रों का उल्लेख इस रिपोर्ट में किया गया है। इनमें से तीन में युद्ध अपराधों के सुबूत भी दिखाई दिए हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि ऐसा जरूर हुआ होगा। आपको बता दें कि इस आयोग की रिपोर्ट इससे पहले आई संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निगरानी मिशन की पड़ताल से काफी मिलती-जुलती है।कब्रों से निकाले गए मुर्दे
गौरतलब है कि इस युद्ध के बाद 16 शहरों और कई बस्तियों में काफी बड़ी संख्या में लोगों को मारे जाने के मामले सामने आए थे। कई जगहों पर सामूहिक कब्र भी देखने को मिली थीं, जिनका सीधा आरोप रूस पर लगा था। आयोग ने रिपोर्ट में माना कि अधिकतर मारे गए लोगों के शरीर पर एक ही तरह के निशान थे, जो बताते हैं कि उन्हें यातना देकर मारा गया। इनके हाथ बंधे हुए थे और इनमें से अधिकतर के सिर में गोली मारी गई थी। कुछ की हत्या गला काट कर की गई थी।