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Bomb Cyclone US: क्या होता है बॉम्ब साइक्लोन, किस तरह से बरपा रहा अमेरिका पर कहर

आर्कटिक महासागर की तरफ से आ रही बर्फीली हवाओं ने अमेरिका सहित आस-पास के देशों में भी इसका असर दिखाई दे रहा है। इस तूफान को बॉम्ब साइक्लोन कहा जाता है। बॉम्ब साइक्लोन के कारण लाखों अमेरिकियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

By Versha SinghEdited By: Updated: Sat, 24 Dec 2022 11:00 AM (IST)
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बॉम्ब साइक्लोन का अमेरिका में दिख रहा असर, 4400 फ्लाइट्स रद्द
नई दिल्ली। आर्कटिक महासागर की तरफ से आ रही बर्फीली हवाओं ने अमेरिका सहित आस पास के देशों में भी इसका असर दिखाई दे रहा है। इस तूफान को बॉम्ब साइक्लोन कहा जाता है। बारिश, बर्फबारी और सर्द तूफान के कारण लाखों अमेरिकियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका के कई हिस्सों में बॉम्ब साइक्लोन का असर साफ दिख रहा है। क्रिसमस के मौके पर अमेरिका में आए इस तूफान ने लोगों के जश्न को भी भंग कर दिया है।

क्या होता है बॉम्ब साइक्लोन?

एक बॉम्ब साइक्लोन या बॉम्बोजेनेसिस तेजी से बढ़ने वाला एक तूफान है। ऐसा तूफान तब आता है जब हवा का दबाव 24 घंटों के अंदर 20 मिलीबार या उससे अधिक हो जाता है। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार यह आमतौर पर तब होता है जब गर्म हवा का द्रव्यमान ठंडे से टकराता है। इस बार आर्कटिक से हवा मेक्सिको की खाड़ी से उष्णकटिबंधीय हवा में चली गई, जिससे बारिश और बर्फ लाने वाला डिप्रेशन बन गया है।

अमेरिका के ज्यादातर इलाकों में पारा शून्य से नीचे

अमेरिका की करीब 70 फीसदी आबादी मौसम के कहर आर्कटिक ब्लास्ट और BOMB साइक्लोन से घिर गई है। इसका ही असर है कि फिलहाल अमेरिका के कई इलाकों में पारा माइनस 20 से माइनस 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। ये आर्कटिक ब्लास्ट धीरे-धीरे BOMB साइक्लोन का रूप लेने की ओर बढ़ रहा है। धरती के उत्तरी ध्रुव के आर्कटिक क्षेत्र से आने वाली ठंडी हवाओं की वजह से ये सब कुछ हो रहा है।

अमेरिका पर बॉम्ब साइक्लोन का असर

  • आर्कटिक ब्लास्ट और BOMB साइक्लोन के खतरे को देखते हुए अमेरिका के 48 राज्यों में खतरनाक मौसम अलर्ट जारी किया गया है।
  • अमेरिका के इन 48 राज्यों में 20 करोड़ से ज्यादा लोग आर्कटिक ब्लास्ट और BOMB साइक्लोन के खतरों से जूझ रहे हैं।
  • बॉम्ब साइक्लोन के कारण अमेरिका में 4400 फ्लाइट्स को रद्द कर दिया गया है जिससे लोग सुरक्षित रहे।
  • साइक्लोन के कारण अमेरिका के मैदानी इलाकों में लोगों को भारी ठंड का सामना करना पड़ रहा है। ठंडी हवाओं का तूफान कनाडा से अमेरिका के  निचले हिस्से में लोगों के खतरा बना हुआ है। 
  • अमेरिका की राष्ट्रीय मौसम सेवा (NWS) के मुताबिक अमेरिका के लोग पहले से ही ठंड झेल रहे हैं। अमेरिका के दक्षिणी हिस्सों में आर्कटिक ब्लास्ट के पहुंचने से हालात और अधिक बदतर होते जा रहे हैं। 
  • नॉर्थ कैरोलिना (North Carolina), कॅण्टकी (Kentucky), ऑरेगॉन (Oregon) समेत कई राज्यों में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है।

बॉम्ब साइक्लोन (Bomb Cyclone) के कारण कई हिस्सों में बिजली गुल

अमेरिका के दक्षिणी हिस्सों में भी आर्कटिक ब्लास्ट का कहर देखने को मिल रहा है। दक्षिण-मध्य अमेरिकी राज्य टेक्सास (Texas) के लोग भी इससे जूझ रहे हैं। आर्कटिक ब्लास्ट के पहुंचने से यहां के हजारों लोग बिना बिजली के रहने को मजबूर हैं। टेक्सास के ऊत्तरी शहर डैलस (Dallas) का बड़ा हिस्सा गुरुवार रात अंधेरे में डूबा रहा। टेक्सास की राजधानी ऑस्टिन और ह्यूस्टन (Houston) जैसे बड़े शहरों का भी कड़ाके की ठंड की वजह से बुरा हाल है।

Bomb साइक्लोन का असर मेक्सिको में भी दिख रहा

आर्कटिक ब्लास्ट का असर मेक्सिको तक देखने को मिल रहा है। टेक्सास के एल पासो से होते हुए मेक्सिको के स्यूदाद जुआरेज तक ठंडी हवाएं पहुंच चुकी हैं। मेक्सिको के इस शहर में बड़ी संख्या में प्रवासी कैंपों में रह रहे हैं। आर्कटिक ब्लास्ट के बाद बॉम्ब साइक्लोन से अमेरिका के मध्य पश्चिमी राज्यों में भारी बर्फवारी और बर्फीले तूफान की स्थिति बन गई है।

राष्ट्रपति बाइडेन की है हर हालात पर नजर

ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पश्चिमी हिस्सों की तरह ही अगले दो दिनों में अमेरिका के पूर्वी हिस्सों के ज्यादातर इलाके भी आर्कटिक ब्लास्ट और BOMB साइक्लोन की चपेट में आ जाएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। वे नेशनल वेदर सर्विस और फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी से हर मिनट की खबर ले रहे हैं। बाइडेन ने कहा है कि ये वास्तव में गंभीर मौसम चेतावनी है और व्हाइट हाउस सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों के 26 गवर्नरों से लगातार संपर्क में है।

क्या होती है आर्कटिक ब्लास्ट बनने की प्रक्रिया 

बता दें कि आर्कटिक ब्लास्ट बनने की प्रक्रिया धरती के उत्तरी छोर से शुरू होती है। आर्कटिक के बर्फ से ढके इलाकों में ठंडी हवा जमा होती है फिर जेट स्ट्रीम के रूप में ये ठंडी हवा अमेरिका की तरफ बढ़ने लगती है। जिसके बाद ये तुलनात्मक रूप से गर्म और नमी वाली हवा से मिलती है और इससे ऐसा सिस्टम बनता है, जो आगे चलकर अमेरिका पर कहर बरपाने के लिए BOMB साइक्लोन का रूप ले लेता है।  

क्या होती है Bomb साइक्लोन बनने की प्रक्रिया

Bomb साइक्लोन तब बनता है जब तेज तूफान में वायुमंडलीय दबाव (atmospheric pressure) बहुत जल्दी ही नीचे चला जाता है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि कनाडा और अमेरिका के बॉर्डर पर स्थित ग्रेट लेक्स इलाकों में बॉम्ब साइक्लोन बनने के हालात बन रहे हैं। आर्कटिक ब्लास्ट के असर से बॉम्ब साइक्लोन (Bomb Cyclone) का रूप लेने के दौरान ठंडी हवाएं 70 से 80 मील प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं। 

जानलेवा हो सकता है ये तूफान

यूएस नेशनल वेदर सर्विस ने कहा कि पहले से ही इतनी ठंड हो रही है। पश्चिमी कनाडा में तापमान शून्य से 53 डिग्री सेल्सियस (माइनस 63 फ़ारेनहाइट) तक गिर गया है। वहीं मिनेसोटा में तापमान -38, -13 डलास में रिकॉर्ड किया गया है। उपोष्णकटिबंधीय उत्तरी फ्लोरिडा में भी हिमपात हो रहा है। यूएस नेशनल वेदर सर्विस ने चेतावनी दी है कि अगर इस तरह की परिस्थितियों में कोई व्यक्ति बहुत लंबे समय तक रहता है तो उसकी मृत्यु भी हो सकती है।

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