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यूक्रेन को Cluster Bomb देगा अमेरिका, 100 से अधिक देशों में प्रतिबंधित; आखिर कितना घातक है ये हथियार!

Cluster Bomb क्लस्टर हथियारों की गिनती दुनिया के सबसे घातक हथियारों में की जाती है। इसके प्रभाव को देखते हुए ब्रिटेन फ्रांस और जर्मनी समेत लगभग 100 से ज्यादा देशों ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि रूस और यूक्रेन द्वारा युद्ध में इस हथियार का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है क्योंकि दोनों देशों ने समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

By Shalini KumariEdited By: Shalini KumariUpdated: Sat, 08 Jul 2023 05:41 PM (IST)
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दुनिया के घातक हथियारों में शामिल है क्लस्टर हथियार
नई दिल्ली, शालिनी कुमारी। Cluster Bomb: व्हाइट हाउस ने घोषणा किया है कि वह यूक्रेन को घातक हथियार क्लस्टर भेजेगा। अमेरिका की ओर से कहा गया कि नागरिकों पर इसका भीषण प्रकोप देखने के बाद इसके सप्लाई को बंद कर दिया गया था, लेकिन यूक्रेन लगातार हथियारों की मांग कर रहा था। गौरतलब है कि क्लस्टर इतना घातक हथियार माना जाता है कि लगभग 100 से अधिक देशों ने इस पर प्रतिबंध लगा रखा है।

हालांकि, यूक्रेन को क्लस्टर हथियार सप्लाई करने के कारण अमेरिका को कई सवालों के जवाब देने पड़ सकते हैं, लेकिन फिर भी अमेरिका ने यूक्रेन को यह हथियार सप्लाई करने का फैसला किया है। इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आखिर क्लस्टर हथियार क्या है और आखिर इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया है। साथ ही, आपको बताएंगे कि कौन-से देशों प्रतिबंध के बाद भी इसका खुलकर इस्तेमाल हो रहा है।

क्या है क्लस्टर हथियार? (Cluster Bomb)

क्लस्टर हथियार दुनिया के सबसे घातक हथियारों में गिना जाता है। यह क्लस्टर हथियार एक ऐसा सिस्टम हैं, जिसमें रॉकेट, मिसाइल या तोपों के के जरिए एक साथ बड़े तादाद में छोटे-छोटे बम फैलाए जा सकते हैं। दरअसल, इस हथियार में फिट सभी छोटे-छोटे हम आसमान में ही खुल कर फैल जाते हैं।

हालांकि, इस बम की कमी यह है कि इसे इरादे से दागा जाता है, लेकिन यह कई बार तुरंत नहीं फटता है। यदि यह किसी नरम और नम जमीन पर जाकर गिरता है, तो तुरंत नहीं फटता है, वैसे ही पड़ा रहता है, लेकिन जब इसे हिलाया जाता है, तो तुरंत फट जाता है।

कोई भी यदि इसे जमीन पर हिलाने और हटाने की कोशिश करता है, तो वह फट सकते हैं। इससे इन्हें हटाने वाले की जान जा सकती है या फिर वह विकलांग भी हो सकती है।

किन लोगों के लिए सबसे घातक है यह हथियार?

यह हथियार सभी के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक और घातक होते हैं। इनका इस्तेमाल एक जगह डेरा डालकर बैठे पैदल सेना के खिलाफ ज्यादा किया जाता है। खासकर, यह हथियार बंकरों में पोजीशन लिए या कवर लिए हुए सैनिकों के लिए घातक साबित होते हैं।

यह हथियार बच्चों के लिए बहुत बड़ा खतरा होते हैं। दरअसल, जो बम जमीन पर गिरकर नहीं फटते हैं, वो देखने में छोटे खिलौने जैसा दिखता है। जब कोई बच्चा इसको खिलौना समझकर उठा लेता है, तो इसके फटने का खतरा बढ़ जाता है।

क्लस्टर हथियारों पर क्यों लगाया गया प्रतिबंध?

इस हथियार के घातक प्रभाव को देखते हुए ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी समेत लगभग 100 से ज्यादा देशों ने एक अंतरराष्ट्रीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत यह सभी देश इन हथियारों का इस्तेमाल और स्टोरेज नहीं कर सकते हैं। यहां तक कि कुछ देशों ने इसके सप्लाई पर भी रोक लगा दी है। गौरतलब है कि कुछ मानवाधिकार संगठनों ने ऐसे बम को 'वीभत्स' करार दिया है।

किन देशों में इस्तेमाल हो रहा

इसके घातक प्रभाव के बावजूद आज भी कई देश इनका इस्तेमाल कर रहें हैं, जिनमें रूस और यूक्रेन का नाम शामिल है। दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। दरअसल, इन दोनों देशों ने समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। हालांकि, अमेरिका ने भी इस समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया है, लेकिन वो इसके प्रभाव को देखते हुए दूसरे देशों में इसकी सप्लाई नहीं करता था।

यूक्रेन से किए वादा को निभा अमेरिका

अमेरिका की ओर से कहा गया है कि वह यूक्रेन को यह हथियार सप्लाई करेगा, क्योंकि इसने यूक्रेन का साथ देने का वादा किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि यूक्रेन के पास हथियार खत्म हो रहे हैं और ऐसे में अमेरिका उसे हथियार सप्लाई करने के लिए तेजी से हथियार बना रहा है, लेकिन फिर भी उसको क्लस्टर हथियार सप्लाई करना होगा।

अपनी सुरक्षा के लिए इस्तेमाल करेगा यूक्रेन

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने कहा, "हमें पता है कि इस तरह के हथियार नागरिकों को नुकसान पहुंचा सकता है। ये बम कभी भी फट सकते हैं, जिसके कारण इसका खतरा भी बड़ा है। इसलिए हमने लंबे समय तक यह फैसला टाला है, लेकिन अब हमें यह फैसला लेना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, "यूक्रेन इन बमों को किसी विदेशी धरती पर इस्तेमाल नहीं करेगा, बल्कि उसने अपनी सुरक्षा के लिए यह हथियार मांगा है।"

हजारों की संख्या में भेजा जाएगा घातक हथियार

सलाहकार ने कहा, "यूक्रेन के पास हथियार खत्म हो रहे थे और इस कमी की भरपाई की जरूरत है। हम संघर्ष के दौरान किसी भी वक्त यूक्रेन को निहत्था नहीं छोड़ सकते।" अमेरिका की ओर से इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि आखिरी यूक्रेन को कितने क्लस्टर हथियार भेज रहा है, लेकिन इस बात का अंदाजा लगाया जा चुका है कि सप्लाई के लिए हजारों हथियार तैयार किए गए हैं।

रूस के मुकाबले बेहतर है अमेरिकी क्लस्टर बम

अमेरिका के क्लस्टर बम और रूस के क्लस्टर बम की तुलना करते हुए सुलिवन ने कहा कि अमेरिका जो क्लस्टर हथियार यूक्रेन को भेजेगा उनके नाकाम होने की आशंका 2.5 फीसदी है। जबकि, रूस के क्लस्टर हथियार के नाकाम होने की आशंका 30 से 40 फीसदी तक होती है।

सवालों के कटघरे में  आ सकता है अमेरिका

अमेरिका द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद उसे सवालों के कटघरे में खड़ा किया जा सकता है। दरअसल, पहले अमेरिका ने रूस द्वारा क्लस्टर हथियारों के इस्तेमाल को लेकर उसकी निंदा की है और अब खुद यूक्रेन के यह हथियार सप्लाई कर रहा है। अमेरिका पर दोगलेपन का आरोप लग सकता है।

अमेरिकी कानून के मुताबिक, अमेरिका किसी भी देश को ऐसे घातक हथियारों की सप्लाई नहीं कर सकता है, जिनमें न फटने की आशंका एक फीसदी से ज्यादा होती है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति इस कानून को नजरअंदाज कर दिया है।