अमेरिका ने चीनी सैनिकों को खदेड़ने में की भारतीय सेना की मदद? जानें व्हाइट हाउस ने क्या कहा
व्हाइट हाउस ने उस समाचार रिपोर्ट की पुष्टि करने से इनकार कर दिया जिसमें कहा गया है कि अमेरिका ने पिछले साल भारतीय सेना को महत्वपूर्ण वास्तविक समय की खुफिया जानकारी प्रदान की थी जिससे हिमालय में चीनी घुसपैठ को सफलतापूर्वक विफल करने में मदद मिली थी।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Tue, 21 Mar 2023 02:41 PM (IST)
वाशिंगटन, पीटीआई। व्हाइट हाउस ने पिछले साल के अंत में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी घुसपैठ को पीछे हटाने में मदद करने के लिए अमेरिकी सेना द्वारा भारत के साथ साझा की गई खुफिया जानकारी का दावा करने वाली एक समाचार रिपोर्ट की पुष्टि करने से इनकार कर दिया है।
''मैं रिपोर्ट की पुष्टि नहीं कर सकता''
व्हाइट हाउस में रणनीतिक संचार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के समन्वयक जॉन किर्बी से सोमवार को एक दैनिक समाचार सम्मेलन के दौरान समाचार रिपोर्ट की पुष्टि करने के लिए कहा गया, जिस पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "नहीं, मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता।"
अमेरिकी खुफिया जानकारी से भारत को मिली मदद
एक विशेष रिपोर्ट में, यूएस न्यूज ने कहा कि पिछले साल के अंत में अमेरिकी सेना के द्वारा खुफिया जानकारी दिए जाने के कारण भारत उच्च हिमालयी सीमा क्षेत्र में चीनी सैन्य घुसपैठ को नाकाम कर दिया और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा। इससे चीन आग-बबूला हो गया।तवांग में 9 दिसंबर को हुआ संघर्ष
भारतीय और चीनी सैनिक 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भिड़ गए। इस दौरान दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को मामूली चोटें आईं थी। रिपोर्ट में एक सूत्र का हवाला देते हुए कहा गया है कि अमेरिकी सरकार ने पहली बार अपने भारतीय समकक्षों को चीनी स्थिति और पीएलए घुसपैठ से पहले बल की ताकत के बारे में वास्तविक समय का विवरण प्रदान किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जानकारी में कार्रवाई योग्य उपग्रह इमेजरी शामिल थी और यह अधिक विस्तृत थी। यह अमेरिका द्वारा पहले भारतीय सेना के साथ साझा की गई किसी भी चीज की तुलना में अधिक तेजी से दी गई थी।" रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों सेनाएं आपस में सहयोग कर रही हैं और खुफिया जानकारी साझा कर रही हैं।
गलवान घाटी में संघर्ष के बाद भारत-चीन संबंधों में गिरावट
जून 2020 में गलवान घाटी में भयंकर संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई। यह दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था। भारत ने चीन से कहा है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होगी, तब तक द्विपक्षीय संबंध सामान्य नहीं हो सकते।