अमेरिका प्रत्यर्पित किए जा सकते हैं विकिलीक्स के फाउंडर जूलियन असांजे, ब्रिटिश हाई कोर्ट से बड़ा झटका
विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को ब्रिटेन से अमेरिका प्रत्यर्पित किया जा सकता है। असांजे को लेकर लंदन के रायल कोर्ट में प्रत्यर्पण संबंधी अपील को अमेरिका ने जीत लिया है। असांजे की मंगेतर ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगी...
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Fri, 10 Dec 2021 06:55 PM (IST)
लंदन, पीटीआइ। ब्रिटेन के हाईकोर्ट के फैसले के बाद विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को ब्रिटेन से अमेरिका प्रत्यर्पित किया जा सकता है। असांजे को लेकर लंदन के रायल कोर्ट में प्रत्यर्पण संबंधी अपील को अमेरिका ने जीत लिया है। शुक्रवार को अमेरिका ने ब्रिटिश अदालत में हुए फैसले को अपने पक्ष में कर लिया है। इसके चलते आस्ट्रेलियाई नागरिक जूलियन असांजे का प्रत्यर्पण किए जाने के लिए उनकी मानसिक स्थिति को आधार बनाया गया है। साथ ही ब्रिटिश अदालत ने अमेरिका से यह आश्वासन भी मांगा है कि वह उनके आत्महत्या करने का खतरा कम कर दें।
लार्ड चीफ जस्टिस लार्ड बर्नट और लार्ड जस्टिस होलीरोड ने अक्टूबर में एक सुनवाई के बाद शुक्रवार को अपना फैसला असांजे के खिलाफ सुना दिया। इस पर असांजे की मंगेतर स्टेला मोरिस ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगी क्योंकि यह फैसला न्याय का गला घोंटने के बराबर है। जनवरी में जिला जज विनेसा बैरिस्टर ने अपने फैसले में कहा था कि अगर असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया तो उनकी जान को खतरा हो सकता है।
ध्यान रहे कि असांजे ने सनसनीखेज जानकारियां सार्वजनिक करके पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया था। आस्ट्रेलिया में जन्मे 50 वर्षीय असांजे ने वर्ष 2010 से 2011 के बीच हजारों गुप्त और संवेदनशील सैन्य और राजनयिक दस्तावेजों को सार्वजनिक करने के लिए अमेरिका में वांछित हैं। असांजे के समर्थक उन्हें शासन विरोधी हीरो मानते हैं।
मालूम हो कि अमेरिका ने अक्टूबर में ब्रिटेन के हाई कोर्ट से असांजे के प्रत्यर्पण संबंधी सिंगल बेंच के फैसले को बदलने का आग्रह किया था। अमेरिका ने अपनी याचिका में वादा किया था कि दोषी साबित होने पर असांजे अपने मूल देश आस्ट्रेलिया में सजा काट सकेंगे। जिला जज वानेसा बरैट्सर ने जनवरी में स्वास्थ्य आधार पर जूलियन असांजे के प्रत्यर्पण की अनुमति देने से इन्कार करते हुए कहा था कि असांजे को यदि अमेरिका की जेल में कठिन हालात में रखा गया तो इस बात की आशंका है कि वह आत्महत्या कर सकते हैं।