भारत-अमेरिका का युद्ध अभ्यास 2025 अलास्का में सफलतापूर्वक संपन्न, सेना को मिलेगा काफी फायदा
भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास युद्ध अभ्यास 2025 अलास्का में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह अभ्यास एक सितंबर को शुरू हुआ था जिसमे दोनों देशों की सेनाओं के 450-450 जवानों ने भाग लिया। भारतीय सेना का नेतृत्व मद्रास रेजिमेंट की एक बटालियन ने किया। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य लक्ष्य साधने की सटीकता और संचार प्रणालियों की क्षमता का परीक्षण करना था।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास 'युद्ध अभ्यास 2025' सोमवार को अलास्का के फोर्ट वेनराइट और युकोन ट्रेनिंग क्षेत्र में सफलतापूर्वक समाप्त हुआ। यह अभ्यास एक सितंबर को औपचारिक उद्घाटन समारोह के साथ शुरू हुआ था और दो हफ्तों तक चला।
इस 21वें संस्करण में दोनों देशों की सेनाओं के 450-450 जवानों ने भाग लिया। भारतीय सेना का नेतृत्व मद्रास रेजिमेंट की एक बटालियन ने किया, जबकि अमेरिकी पक्ष से 11वीं एयरबोर्न डिवीजन के सैनिक शामिल हुए।
क्यों खास रहा यह युद्ध अभ्यास?
भारतीय दूतावास वाशिंगटन के अनुसार, 'युद्ध अभ्यास' 2002 में शुरू हुआ था और तब से यह एक शांति मिशन अभ्यास से विकसित होकर अब भारत के सबसे उन्नत द्विपक्षीय सैन्य अभ्यासों में से एक बन गया है। इस बार का अभ्यास भारतीय सेना के लिए सैनिकों की सबसे बड़ी तैनाती में से एक रहा और इसमें व्यापक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शामिल रहा।
अंतिम चरण में दोनों सेनाओं ने संयुक्त कमान ढांचे के तहत एकीकृत अभियानों पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें इन्फैंट्री, आर्टिलरी, एविएशन, इलेक्ट्रानिक वारफेयर और काउंटर ड्रोन सिस्टम का इस्तेमाल किया गया। युकोन ट्रेनिंग एरिया में लाइव फायर ड्रिल्स आयोजित की गईं, जिनमें मोर्टार अभ्यास भी शामिल थे।
क्या है मकसद?
इन अभ्यासों का मकसद लक्ष्य साधने की सटीकता, फायर कंट्रोल और संचार प्रणालियों की क्षमता का परीक्षण करना था। फील्ड ट्रेनिंग के तहत छोटे यूनिट के युद्धाभ्यास, सामरिक गश्त, स्नाइपर और टोही प्रशिक्षण, आइईडी निरोधक अभ्यास और विस्फोटक संचालन की ट्रेनिंग दी गई।
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