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ईरान की सबसे खतरनाक सेना IRGC को कनाडा ने बताया आतंकी संगठन, जानिए ट्रूडो सरकार ने क्यों लगाया इस पर प्रतिबंध

Islamic Revolutionary Guard Corps कनाडा ने ईरान की सबसे खतरनाक आर्मी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स को आतंकी संगठन करारा दिया है। जस्टिन ट्रूडो ने ये भी कहा कि सरकार के इस फैसले से टेरर फंडिंग को रोकने में मदद मिलेगी। कनाडा सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि आईआरजीसी को आतंकी लिस्ट में शामिल करने से आतंकवाद के खिलाफ एक ठोस संदेश जाएगा।

By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Thu, 20 Jun 2024 09:15 AM (IST)
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कनाडा ने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स पर प्रतिबंध लगाया।(फोटो सोर्स: जागरण)
आईएएनएस, ओटावा।  कनाडा ने ईरान के खिलाफ बड़ा आरोप लगाया है। कनाडा ने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (Islamic Revolutionary Guard Corps) को आतंकवादी ग्रुप करार दिया है। वहीं ट्रूडो सरकार ने ईरान में रहने वाले कनाडाई लोगों से देश छोड़ने के लिए कहा है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि आईआरजीसी (IRGC) अब कनाडा में आतंकी ग्रुप की लिस्ट में शामिल हो गया है।

टेरर फंडिंग पर रोक लगाने की कोशिश: कनाडा

जस्टिन ट्रूडो ने ये भी कहा कि सरकार के इस फैसले से टेरर फंडिंग को रोकने में मदद मिलेगी।  कनाडा सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि आईआरजीसी को आतंकी लिस्ट में शामिल करने से आतंकवाद के खिलाफ एक ठोस संदेश जाएगा।

बता दें कि इजरायल-हमास युद्ध के दौरान भी आईआईजीसी ग्रुप का नाम चर्चा में था। बता दें कि ये ईरान की सबसे खतरनाक आर्मी मानी जाती है।

आईआरजीसी से जुड़े लोगों को देश से बाहर निकाला जाएगा: कनाडा

कनाडाई सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री डोमिनिक लेब्लांक ने बुधवार दोपहर को घोषणा करते हुए कहा कि आईआरजीसी की आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिए कनाडा हर मुमकिन प्रयास करेगा।

लेब्लांक ने कहा, "आईआरजीसी के शीर्ष सदस्यों सहित हजारों वरिष्ठ ईरानी सरकारी अधिकारियों को अब कनाडा में प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। वहीं, जो लोग पहले से ही देश के अंदर हैं, उनकी जांच की जा सकती है और उन्हें देश से बाहर निकाला जा जा सकता है।"

अमेरिका लगा चुका है ग्रुप पर प्रतिबंध 

अमेरिका ने 2019 में आईआरजीसी को आतंकवादी ग्रुप घोषित किया था। आईआरजीसी पर हिज्बुल्लाह समेत मध्य पूर्व क्षेत्र में कई आतंकवादी संगठन को बनाने का आरोप लगता आया है। बता दें कि कुछ साल पहले यूरोपियन यूनियन की ओर से ये आरोप लगाया गया था कि आईआरजीसी ने सऊदी अरब में मौजूद तेल भंडार पर ड्रोन से हमला किया था। 

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