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'कनाडा में चरमपंथियों को मिल रहा बढ़ावा', भारतीय राजनयिकों की निगरानी को लेकर भी बरसे जयशंकर

कनाडा के हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ का मामला तूल पकड़ रहा है। अब इसको लेकर भारत के विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा सोमवार को एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ हुई बेहद चिंताजनक है। विदेश मंत्री ने आगे कहा कनाडा में चरमपंथी ताकतों को पॉलिटिकल स्पेस दिया जा रहा है। कनाडा की तरफ से भारतीय राजनयिकों की निगरानी रखी जा रही है जो अस्वीकार्य है।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Tue, 05 Nov 2024 10:03 AM (IST)
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विदेश मंत्री जयशंकर का सामने आया बयान (फाइल फोटो)
राउटर्स, सिडनी, ओटावा। कनाडा के ब्रैम्पटन में मंदिर पर हुए हमले का मामला तूल पकड़ रहा है। अब इसको लेकर भारत के विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर का बयान भी सामने आया है, उन्होंने कहा, सोमवार को एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ हुई बेहद चिंताजनक है।

आधिकारिक यात्रा के दौरान उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई राजधानी कैनबरा में संवाददाताओं से कहा, "कनाडा में हिंदू मंदिर में कल जो हुआ वह स्पष्ट रूप से बेहद चिंताजनक था।"

'चरमपंथी ताकतों को दिया जा रहा बढ़ावा'

विदेश मंत्री ने आगे कहा, कनाडा में चरमपंथी ताकतों को पॉलिटिकल स्पेस दिया जा रहा है।' कनाडा की तरफ से भारतीय राजनयिकों की निगरानी रखी जा रही है, जो अस्वीकार्य है

प्रदर्शनकारियों ने विरोध में लगाए नारे

घटना के विरोध में सोमवार को वहां हिंदू समुदाय भी सड़क पर उतर गया। इस हमले के विरोध में बड़ी संख्या में हिंदू लोग विरोध प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बंटोगे तो कटोगे और इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए।

बता दें कि यह घटना ओटावा की तरफ से कनाडा में 2023 में एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या से जोड़कर छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित करने के कुछ सप्ताह बाद हुई। कनाडा ने भारत सरकार पर कनाडा में दक्षिण एशियाई असंतुष्टों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाने का आरोप लगाया है, जिससे नई दिल्ली इनकार करती है।

सिख अलगाववादियों और भारतीय राजनयिकों के बीच बड़ा तनाव

इस घटना से कनाडा और भारत तथा सिख अलगाववादियों और भारतीय राजनयिकों के बीच तनाव बढ़ गया है। पिछले महीने कैनबरा में दो हिंदू मंदिरों में भी तोड़फोड़ की गई थी, जिसे ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग ने भारतीय समुदाय के सदस्यों के लिए परेशान करने वाला बताया था।

ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री का आया था बयान 

उन्होंने संवाददाताओं से कहा था, "पूरे ऑस्ट्रेलिया में लोगों को सुरक्षित और सम्मानित होने का अधिकार है, लोगों को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का भी अधिकार है, लोगों को शांतिपूर्वक अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है।" उन्होंने कहा, "हम उसके और हिंसा, नफरत भड़काने या बर्बरता के बीच एक रेखा खींचते हैं।"

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