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Canada PM Mosque: 'शर्म करो... इन्हें मत बोलने दें', अपने देश में ही कनाडाई PM ट्रूडो की जमकर हुई आलोचना

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की अपने ही देश में एक बार फिर से आलोचना हुई। लोगों ने जस्टिन ट्रूडो को लेकर नारे भी लगाए। दरअसल प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो टोरंटो के एक मस्जिद में गए थे जहां उन्हें शर्मसार होना पड़ा।

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Sat, 21 Oct 2023 04:42 PM (IST)Updated: Sat, 21 Oct 2023 04:42 PM (IST)
इजरायल-हमास युद्ध को लेकर जस्टिन ट्रूडो की हुई आलोचना। (फोटो- एपी)

एएनआई, ओंटारियो। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की अपने ही देश में एक बार फिर से आलोचना हुई। लोगों ने जस्टिन ट्रूडो को लेकर नारे भी लगाए। दरअसल, प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो टोरंटो के एक मस्जिद में गए थे, जहां उन्हें शर्मसार होना पड़ा।

ट्रूडो की क्यों हुई आलोचना?

बता दें कि इजरायल हमास युद्ध को लेकर ट्रूडो ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा प्रहार किया था। उन्होंने इजरायल का साथ देते हुए कहा था कि कनाडा, इजरायल की आत्मरक्षा के साथ है और हम आतंकवाद का समर्थन नहीं करते हैं। इसी वजह से उनके खिलाफ नारे लगाए गए।

लोगों ने 'शर्म करो' के नारे लगाए

समाचार एजेंसी एएनआई ने कनाडाई समाचार टोरंटो सन के हवाले से बताया कि एक्स पर एक वीडियो में दिख रहा है कि पीएम ट्रूडो शुक्रवार को एक मस्जिद में गए थे, जहां लोग 'शर्म करो' का नारा लगा रहे हैं। साथ ही लोगों ने मांग की कि पीएम ट्रूडो को पोडिएम पर न बोलने दें।

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पीएम ट्रूडो ने मुस्लिम समुदाय को दिया धन्यवाद

हालांकि, विरोध के बावजूद ट्रूडो ने लोगों को संबोधित किया। पीएम ने कहा, इस कठिन समय में अपने साथ प्राथर्ना की अनुमति देने के लिए आपको धन्यवाद देता हूं। इस कार्यक्रम में जस्टिन ट्रूडो के शामिल होने पर पीएम कार्यालय ने बताया कि वह मीडिल ईस्ट में उत्पन्न स्थिति से प्रभावित मुस्लिम समुदाय के प्रति अपना समर्थन दिखाने के लिए गए थे।

लिबरल सांसद ने पीएम को लिखा पत्र

इधर, टोरंटो की लिबरल सांसद सलमा जाहिद ने कनाडाई पीएम को एक पत्र लिखा है, जिसमें 33 सांसदों ने अपने विचार रखे हैं। पत्र में युद्धविराम के लिए आह्वान करने, मानवीय गलियारे खोलने, अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने सहित अन्य बिंदुओं को लेकर मांग की गई है। इस पत्र पर 23 बैकबेंच लिबरल सांसदों, आठ एनडीपी सांसदों और दोनों ग्रीन पार्टी सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं।

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