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भारत की सख्ती पर बदले ट्रूडो के सुर, निज्जर हत्याकांड पर कहा- हमारे पास नहीं थे कोई पुख्ता सबूत

कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बुधवार को स्वीकार किया कि उन्होंने कनाडा की धरती पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के संबंध में भारत को ठोस सबूत नहीं दिए हैं। उन्होंने कहा कि गर्मियों के दौरान मुझे खुफिया सेवाओं से अवगत कराया गया था कि सरकार निज्जर की हत्या में शामिल थी कोई स्पष्ट तत्काल अंतरराष्ट्रीय सांठगांठ नहीं थी।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Wed, 16 Oct 2024 11:33 PM (IST)
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भारत की सख्ती पर बदले ट्रूडो के सुर

 एएनआई, ओटावा। कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बुधवार को स्वीकार किया कि उन्होंने कनाडा की धरती पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के संबंध में भारत को ठोस सबूत नहीं दिए हैं। उन्होंने कहा कि गर्मियों के दौरान मुझे खुफिया सेवाओं से अवगत कराया गया था कि सरकार निज्जर की हत्या में शामिल थी, कोई स्पष्ट तत्काल अंतरराष्ट्रीय सांठगांठ नहीं थी।

भारत ने अपनाया सख्त रुख

इससे पहले पहले भारत कई बार यह स्पष्ट कर चुका है कि कनाडा ने निज्जर हत्यांकाड मामले में भारत को कोई सबूत नहीं दिए हैं। कनाडा हो या न्यूजीलैंड या कोई और भारत बिना ठोस सबूत के अपना रुख नहीं बदलेगा। यह बात भारत ने दो दिन पहले कनाडा के उच्चायुक्त को निष्कासित करने के दिन भी कही थी।

भारत ने हमारी संप्रभुता का उल्लंघन किया- कनाडा के पीएम

खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर विदेशी हस्तक्षेप आयोग में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि अगस्त में कनाडा और द फाइव आईज से खुफिया जानकारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत इसमें शामिल था। भारत के एजेंट कनाडाई धरती पर इसमें शामिल थे।

ट्रूडो ने कहा कि हमने भारत को बताया कि हमारी वास्तविक चिंता यह है कि आपकी सुरक्षा एजेंसियां ​​इसमें शामिल हैं। हमारी जांच के जवाब में भारत ने प्रतिक्रिया में हमारी सरकार के खिलाफ अपने हमलों को दोगुना कर दिया। भारत ने हमारी सरकार और शासन को कम आंका। ये स्पष्ट संकेत थे कि भारत ने हमारी संप्रभुता का उल्लंघन किया है।

जस्टिन ट्रूडो ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का लिया नाम

विदेशी हस्तक्षेप आयोग में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि मोदी सरकार के विरोधी कनाडाई लोगों की जानकारी भारत सरकार को उच्चतम स्तर पर दी गई जिसके बाद लॉरेंस बिश्नोई गिरोह जैसे आपराधिक संगठनों के माध्यम से भेजी गई जानकारी के परिणामस्वरूप कनाडाई लोगों के खिलाफ हिंसा हुई। हम भारतीय राजनयिकों से पूछताछ करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने अपनी राजनयिक प्रतिरक्षा को नहीं छोड़ा, इसलिए हमें उन्हें जाने के लिए कहना पड़ा।

गंभीर मामले पर सबूत जरूरी

न्यूजीलैंड, ब्रिटेन के बाद बुधवार को ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका ने भी निज्जर हत्याकांड जांच मामले में कनाडा का समर्थन देने संबंधी बयान जारी किया है। ये देश फाइव आइज (पांच देशों के जासूसी नेटवर्क का संगठन) के सदस्य भी हैं। इस बारे में पूछने पर सूत्रों का कहना है कि देश चाहे कनाडा हो या न्यूजीलैंड या कोई और, भारत इस बात पर नहीं जाएगा कि किस देश ने क्या कहा है। सिर्फ आरोप गंभीर है, यह कह देने से कोई मामला गंभीर नहीं हो जाता। उसके लिए सबूत देने होते हैं।

पन्नु मामले की हो रही जांच

बताते चलें कि अमेरिका ने भी भारत पर आरोप लगाये हैं कि यहां की एजेंसियों ने खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नु की हत्या की साजिश रची है। इस बारे में अमेरिका ने चेक रिपब्लिक में गिरफ्तार एक भारतीय (निखिल गुप्ता) का प्रवर्तन भी किया है और इस मामले में भारत सरकार ने भी एक जांच समिति गठित की है। अभी भारतीय जांच दल इस बारे में आगे पड़ताल करने के लिए अमेरिका की यात्रा पर है।