India Canada Row अलगाववादियों को समर्थन देने और बार-बार झूठे आरोपों से नाराज भारत ने सोमवार को कनाडा के खिलाफ कई बड़े निर्णय लिए। भारत सरकार ने कनाडा से अपने राजनयिकों को बुलाने का फैसला किया है। साथ ही भारत से कनाडा के 6 राजनयिकों को देश से निष्कासित करने का भी निर्णय लिया। इन सबसे बौखलाए कनाडा ने अब बेबुनियाद आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं।
एएनआई, ओटावा। आतंकी निज्जर की हत्या के मामले में झूठे आरोपों से अपनी किरकिरी करा चुका कनाडा अब हास्यास्पद दावों पर उतर आया है। सोमवार को कनाडा पुलिस ने अपने मनगढ़ंत आरोपों को सही ठहराने के लिए लॉरेंस गैंग का कनेक्शन भारत सरकार के एजेंटों से जोड़ने की कोशिश की।
इससे पहले कनाडा ने आतंकी निज्जर की हत्या के मामले में भारत और भारतीय उच्चायुक्त को घसीटने का प्रयास किया था, जिसका भारत ने कड़ा जवाब दिया है। पहले, दिन में कड़ी प्रतिक्रिया देने और ट्रूडो सरकार को फटकार लगाने के बाद भारत ने शाम को कनाडाई उच्चायुक्त को नई दिल्ली तलब किया और अपने राजनयिकों को कनाडा से वापस बुलाने की घोषणा कर दी।
6 राजनयिकों को किया निष्कासित
इसके थोड़ी देर बाद भारत सरकार ने और बड़ा कदम उठाते हुए कनाडा के 6 राजनयिकों को देश से निष्कासित करने का आदेश दिया और उन्हें 19 अक्टूबर तक देश छोड़कर चले जाने को कहा। इन सबसे बौखलाए कनाडा ने फिर से अपने झूठे आरोपों का राग अलापना शुरू कर दिया और इस बार और एक कदम आगे जाते हुए लॉरेंस गैंग का कनेक्शन सरकार से जोड़ने की कोशिश कर दी।
रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस के सहायक आयुक्त ब्रिगिट गौविन ने कहा, 'यह (भारत) दक्षिण एशियाई समुदाय को निशाना बना रहा है, लेकिन वे विशेष रूप से कनाडा में खालिस्तानी समर्थक तत्वों को निशाना बना रहे हैं। हमने देखा है कि वे संगठित अपराध तत्वों का उपयोग करते हैं। इसे सार्वजनिक रूप से एक संगठित अपराध समूह - लॉरेंस बिश्नोई द्वारा जिम्मेदार ठहराया गया है और इसका दावा किया गया है। हमारा मानना है कि यह समूह भारत सरकार के एजेंटों से जुड़ा हुआ है।'
लगाए कई आरोप
वहीं, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस कमिश्नर, माइक डुहेम ने कहा, 'कनाडा में एक हिंसक, चरमपंथी खतरा है, जिस पर कनाडा और भारत पिछले कई सालों से काम कर रहे हैं। हालांकि, ये खतरे कनाडा और भारत की सहयोग की क्षमता को प्रभावित कर रहे हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में, RCMP के पुलिस उपायुक्त ने कनाडा और भारत में हुई हिंसक, चरमपंथी घटनाओं पर चर्चा करने और कनाडा में गंभीर आपराधिक गतिविधियों में भारत सरकार के एजेंटों की संलिप्तता से संबंधित सबूत पेश करने के लिए भारतीय कानून-प्रवर्तन समकक्षों से मिलने का प्रयास किया। दुर्भाग्य से, ये प्रयास असफल रहे।'उन्होंने कहा, 'इसलिए, डिप्टी कमिश्नर ने राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार और विदेश मामलों के उप मंत्री के साथ भारत सरकार के अधिकारियों से मुलाकात की। हमारे राष्ट्रीय टास्क फोर्स और अन्य जांच प्रयासों के माध्यम से, RCMP ने ऐसे सबूत प्राप्त किए हैं, जो चार बहुत गंभीर मुद्दों को प्रदर्शित करते हैं-
- दोनों देशों में हिंसा, चरमपंथी प्रभाव।
- भारत सरकार के एजेंटों को हत्याओं और हिंसक कृत्यों से जोड़ने वाले लिंक।
- कनाडा में दक्षिण एशियाई समुदाय को लक्षित करके असुरक्षित वातावरण की धारणा बनाने के लिए संगठित अपराध का उपयोग।
- लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप।'
भारत ने दिया दवाब
इधर, भारत लागातार इन आरोपों से इनकार करता आया है और सोमवार को फिर से अपने राजनयिक के खिलाफ आरोपों को मनगढ़ंत करार दिया था। भारत सरकार ने इसे लेकर कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। भारत ने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा के खिलाफ आरोपों को दृढ़ता से खारिज करते हुए इन्हें बेतुका बताया था। साथ ही इन्हें ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा बताते हुए कहा कि यह वोट बैंक की राजनीति पर केंद्रित है।