Canada: भारतीय उच्चायोग के सामने खालिस्तानी समर्थकों का फ्रीडम रैली का एलान, विदेश मंत्री बोलीं- स्वीकार नहीं
Canada Khalistan poster कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने 8 जुलाई को होने वाले खालिस्तान फ्रीडम रैली को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि कनाडा राजनयिकों की सुरक्षा के संबंध में वियना कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों को बहुत गंभीरता से लेता है। बता दें कि खालिस्तान समर्थक संगठनों ने ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग के समक्ष आठ जुलाई 2023 को खालिस्तान फ्रीडम रैली निकालने का एलान किया है।
By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Tue, 04 Jul 2023 09:02 AM (IST)
ओटावा, एजेंसी। कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की भारत विरोधी हरकतें थम नहीं रही हैं। कनाडा में एक बार फिर ऐसे पोस्टर्स देखने को मिले है, जिसमें लिखा गया है 'Kill India'। इसके अलावा इन पोस्टर्स में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और टोरंटो में भारत के महावाणिज्य दूत अपूर्वा श्रीवास्तव पर खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया है।
पोस्टर में काफी आपत्तिजनक बातें भी लिखी गई हैं। इसके अलावा खालिस्तान समर्थक संगठनों ने ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग के समक्ष आठ जुलाई, 2023 को खालिस्तान फ्रीडम रैली निकालने का एलान किया है। इसी के लिए खालिस्तान समर्थकों ने पोस्टर जारी किए है।
8 जुलाई को होने वाले प्रदर्शन पर कनाडा विदेश मंत्री की प्रतिक्रिया
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने 8 जुलाई को होने वाले खालिस्तान फ्रीडम रैली को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने कहा, 'कनाडा राजनयिकों की सुरक्षा के संबंध में वियना कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों को बहुत गंभीरता से लेता है। 8 जुलाई को प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन के संबंध में ऑनलाइन प्रसारित हो रही कुछ प्रचार सामग्री को लेकर कनाडा भारतीय अधिकारियों के साथ निकट संपर्क में है। यह बिल्कुल अस्वीकार्य हैं।'विदेश मंत्री जयशंकर ने दिया था बयान
इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था कि कट्टर खालिस्तान समर्थक ना तो भारत के लिए सही है और ना ही अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, आस्ट्रेलिया के हितों के लिए ठीक है।एक कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा कि कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की तरफ से जो पोस्टर जारी किए गए हैं, उन्हें उसकी जानकारी है। जल्द ही इस मुद्दे को कनाडा सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन व आस्ट्रेलिया जैसे अपने साझेदार देशों से आग्रह किया है कि वे खालिस्तान समर्थकों को कोई जगह नहीं दें क्योंकि यह किसी भी देश के लिए ठीक नहीं है।