Move to Jagran APP

'यह खालिस्तानियों की साजिश', कनिष्क बम विस्फोट की नए सिरे से जांच की मांग पर क्यों भड़के कनाडाई सांसद?

Kanishka Bombing कनाडा में 1985 में एअर इंडिया फ्लाइट-182 में हुए बम विस्फोट की नए सिरे से जांच की मांग पर बहस छिड़ गई है। एक कनाडाई सांसद ने इसे खालिस्तानी चरमपंथियों की साजिश बताते हुए याचिका की आलोचना की है। सांसद ने कहा कि यह बेहद निराशाजनक है। यह पुराने घावों को फिर से ताजा कर देता है। यह सब बकवास है।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 27 Sep 2024 08:26 PM (IST)
Hero Image
लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर उतरने से 45 मिनट पहले विमान में हुआ था विस्फोट। (Photo: X/ @AryaCanada)
पीटीआई, ओटावा। भारतीय मूल के एक कनाडाई सांसद ने 1985 में एअर इंडिया फ्लाइट-182 में हुए बम विस्फोट की नए सिरे से जांच की मांग करने वाली याचिका की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि किसी 'विदेशी खुफिया' की संलिप्तता निर्धारित करने के लिए यह खालिस्तानी चरमपंथियों की साजिश है।

गौरतलब है कि मॉन्ट्रियल-नई दिल्ली एयर इंडिया कनिष्क फ्लाइट 182 में 23 जून, 1985 को लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर उतरने से 45 मिनट पहले विस्फोट हो गया था। विमान में सवार सभी 329 लोग मारे गए थे। इस बम विस्फोट का आरोप सिख चरमपंथी आतंकवादियों पर लगाया गया था, जो 1984 में स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन ब्लूस्टार का बदला लेने के लिए किया गया था।

'आतंकवादी गतिविधियों के लिए समर्थन हासिल करने का प्रयास'

गुरुवार को संसद को संबोधित करते हुए नेपियन से संसद सदस्य चंद्र आर्य ने कहा कि दो कनाडाई सार्वजनिक जांचों में पाया गया कि खालिस्तानी चरमपंथी एयर इंडिया की उड़ान में बम विस्फोट के लिए जिम्मेदार हैं। कनाडा के इतिहास में बम विस्फोट को सबसे बड़ी सामूहिक हत्या बताते हुए उन्होंने कहा कि आज भी इस आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार विचारधारा कनाडा में कुछ लोगों के बीच जीवित है।

उन्होंने कहा कि अब संसद के पोर्टल पर एक याचिका के माध्यम से खालिस्तान चरमपंथियों की तरफ से प्रचारित षड्यंत्र के सिद्धांतों को बढ़ावा देने वाली नई जांच की मांग की गई है। इस हमले में मारे गए बाल गुप्ता की पत्नी का हवाला देते हुए आर्य ने कहा कि यह बेहद निराशाजनक है। यह पुराने घावों को फिर से ताजा कर देता है। यह सब बकवास है। यह आतंकवादी गतिविधियों के लिए प्रचार और समर्थन हासिल करने का प्रयास है।

जस्टिन ट्रूडो ने लगाया था आरोप

पिछले साल, प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तान अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता का आरोप लगाया था। नई दिल्ली ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया। भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा अपनी धरती से संचालित खालिस्तान समर्थक तत्वों को बेखौफ जगह दे रहा है।