COP 15: प्रकृति को बचाने के लिए कनाडा में सीओपी 15 शुरू, भारत सहित 196 देशों के प्रतिनिधि शामिल
कनाडा के मांट्रियल शहर में बुधवार को करीब दो सप्ताह चलने वाला जैव विविधता पर सम्मेलन (सीओपी 15) शुरू हुआ। सम्मेलन में भारत सहित 196 देशों के करीब 20 हजार प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। Photo Credit- AP
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Wed, 07 Dec 2022 11:55 PM (IST)
मांट्रियल, पीटीआइ। कनाडा के मांट्रियल शहर में बुधवार को करीब दो सप्ताह चलने वाला जैव विविधता पर सम्मेलन (सीओपी 15) शुरू हुआ। सम्मेलन में भारत सहित 196 देशों के करीब 20 हजार प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। प्रतिभागियों में मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी, पर्यावरण विशेषज्ञ और संगठनों के पदाधिकारी शामिल हैं। सम्मेलन में प्रकृति को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए कार्य योजना बनाने पर विचार होगा। इस कार्ययोजना को 2030 तक पूरा करने के लिए समझौता होगा।
सीओपी 27 के बाद सीओपी 15 शुरू
नवंबर में मिस्त्र में हुए अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन के बाद पर्यावरण सुधार के लिए संयुक्त राष्ट्र के यह दूसरा बड़ा प्रयास है। 19 दिसंबर तक चलने वाले इस सम्मेलन में वायुमंडल में रहने वाले सभी जीवधारियों के संरक्षण की रूपरेखा बनाई जाएगी जिससे प्रकृति का क्षरण रुके। सम्मेलन में 2030 तक 30 प्रतिशत भूमि और समुद्री पर्यावरण को संरक्षित करने पर विचार होगा। सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि प्रकृति खतरे में है। इस पर लगातार हमले हो रहे हैं। विश्व में इस समय जो कुछ हो रहा है, अच्छा नहीं हो रहा है।
प्रकृति सुधार में मदद की अपील
ट्रूडो ने कहा कि कनाडा प्रकृति में सुधार और जैव विविधता के विकास में हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है। उनका देश प्रकृति के 30 प्रतिशत हिस्से को संरक्षित करने के प्रस्ताव का समर्थन करता है। कनाडा ने पर्यावरण सुधार के प्रयासों के लिए विकासशील देशों को 30 करोड़ डालर की सहायता का भी एलान किया है। ट्रूडो जिस समय बोल रहे थे उस समय पर्यावरण सुधार के पक्षधर संगठन गाना गाकर और ड्रम बजाकर उनके भाषण को बाधित करने का प्रयास कर रहे थे। इन संगठनों का मानना है कि दुनिया के संपन्न देशों ने पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है और अब वे केवल सुधार की बातें कर रहे हैं, वास्तव में कुछ नहीं कर रहे। विदित हो कि कनाडा उद्योग संपन्न देशों के संगठन जी 7 का सदस्य देश है।हालात न सुधरे तो मानवता को खतरा- गुटेरस
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा, अगर हालात काबू नहीं किए गए तो मानव के विलुप्त होने का खतरा पैदा हो जाएगा। पर्यावरण में सुधार के लिए अब और समय गंवाने की गुंजाइश नहीं है। पर्यावरण में तेजी से हो रहे बदलाव के कारण दस लाख से ज्यादा कीड़े-मकोड़े और पशु-पक्षी विलुप्त हो गए हैं या फिर विलुप्तीकरण के कगार पर पहुंच चुके हैं। जीवधारियों का इतनी तेज गति से विलुप्तीकरण बीते एक करोड़ सालों में नहीं देखा गया। इतना ही नहीं करीब 40 प्रतिशत भूमि की प्रकृति भी खराब हुई है। संयुक्त राष्ट्र के बैनर तले आयोजित सम्मेलन दो सप्ताह चलेगा और इसमें पर्यावरण, पेड़-पौधों और जीवधारियों पर चर्चा होगी।
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