Canada में गुजराती तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भारतीय भाषा, पढ़ें पहले और दूसरे पर कौन
Canada most spoken Indian Language गुजराती कनाडा में भारतीय प्रवासियों के बीच तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा बन गई है। कनाडा के सरकारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 1980 से लगभग 87900 गुजराती भाषी अप्रवासी कनाडा में बस गए हैं जिनमें सबसे ज्यादा 26 फीसद 2016 और 2021 के बीच देश में आए हैं। आइए जानते हैं सबसे ज्यादा कौन सी भाषा बोली जाती है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Canada most spoken Indian Language कनाडा में गुजराती भाषा की धूम मची है। गुजराती कनाडा में भारतीय प्रवासियों के बीच तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा बन गई है।
कनाडा के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 1980 से लगभग 87,900 गुजराती भाषी अप्रवासी कनाडा में बस गए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 26 फीसद 2016 और 2021 के बीच देश में आए हैं।
सबसे ज्यादा पंजाबी लोग
हालांकि, सबसे ज्यादा पंजाबी बोलने वाले लोग यहां बसे जिनकी संख्या 75 हजार 475 आंकी गई। उसके बाद हिंदी बोलने वालों की संख्या 35,170 थी। वहीं, गुजराती भाषी 22,935 अप्रवासियों के साथ तीसरे स्थान पर रहे, जबकि मलयालम 15,440 और बंगाली भाषी 13,835 लोग हैं।दूसरी सबसे तेज वृद्धि
आंकड़ों से पता चलता है कि गुजराती प्रवासियों ने प्रमुख भाषाई समूहों में दूसरी सबसे बड़ी दशकीय वृद्धि दर्ज की है। साल 2011 से 2021 के बीच 26 फीसद की वृद्धि दर्ज हुई है, जबकि पंजाबी बोलने वालों में 22 फीसद की वृद्धि हुई। इसी अवधि के दौरान हिंदी बोलने वालों में 114 फीसद की सबसे तेज वृद्धि देखी गई।
गुजरात के लोगों को भाया कनाडा
गुजरात की एक अन्य भाषा कच्छी भी इस लिस्ट में शामिल है। कच्छी बोलने वालों की संख्या साल 2001 से 2010 के बीच 460 से घटकर 2011 से 2021 के बीच 370 रह गई है। 2011 के बाद गुजरात के लोगों को कनाडा सबसे ज्यादा भाने लगा है।हालांकि, कनाडा में आव्रजन नीतियों में हाल के बदलावों ने समुदाय के भीतर चिंताएं बढ़ा दी हैं। एक वीजा सलाहकार के अनुसार, वहां आवास संबंधी चुनौतियों में वृद्धि हुई है और नौकरियों में भी कमी आई है। इसके चलते गुजरात से कनाडा के लिए वीजा आवेदनों में 80 फीसद की गिरावट आई है।
सलाहकार ने कहा कि वीजा के कम अवसरों के कारण छात्रों और पेशेवरों की ओर से कनाडा जाने की इच्छा में ये कमी आई है, तथा अब अधिकांश आवेदन उन लोगों की ओर से आ रहे हैं, जिनके पास पहले से ही कनाडा का स्थायी निवासी है तथा वे अपने परिवार के सदस्यों को साथ लाना चाहते हैं।यह भी पढ़ें- कनाडा ने NIA को नहीं दिया खालिस्तानी आतंकी निज्जर का डेथ सर्टिफिकेट, आखिर क्या छिपा रही ट्रूडो सरकार?
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