India Canada Row: निज्जर मामले में अलग-थलग पड़ा कनाडा, फाइव आइज से झटका मिलने के बाद बदले अपने सुर
कनाडा फाइव आइज अलायंस का हिस्सा है जो अमेरिका ब्रिटेन आस्ट्रेलिया कनाडा और न्यूजीलैंड से मिलकर बना है। भारत ने ट्रूडो के आरोप को निराधार बताकर खारिज कर दिया था। कनाडाई प्रेस समाचार एजेंसी ने मंगलवार को ट्रूडो के हवाले से कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि विश्लेषण और वास्तव में तथ्यों में क्या चल रहा है इसे समझने के लिए हमारे पास एक ठोस आधार है।
टोरंटो, एजेंसी। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा सिख अलगाववादी नेता निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाने के बाद कनाडा के फाइव आइज सहयोगी देश कनाडा का पक्ष लेने के इच्छुक नहीं दिखे। हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा कि दावों की पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए। कनाडाई मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में ये बात कही है।
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सूचनाओं काआदान-प्रदान
बता दें कि कनाडा फाइव आइज अलायंस का हिस्सा है जो अमेरिका, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड से मिलकर बना है। ये पांचों देश खुफिया सूचनाओं को आपस में आदान-प्रदान करते हैं। कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो ने सोमवार को कनाडा की संसद में बताया कि उन्होंने जनता को इस बारे में बताने से पहले इस महीने की शुरुआत में नई दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के मौके पर सहयोगियों और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ इस मुद्दे को उठाने का इंतजार किया था।
भारत के रुख से कनाडा के बदले सुर
भारत ने ट्रूडो के आरोप को बेतुका और निराधार बताकर खारिज कर दिया था। कनाडाई प्रेस समाचार एजेंसी ने मंगलवार को ट्रूडो के हवाले से कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि विश्लेषण और वास्तव में तथ्यों में क्या चल रहा है, इसे समझने के लिए हमारे पास एक ठोस आधार है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि हम अपने सहयोगियों के साथ बात करने के लिए समय निकाल रहे हैं, जो हम जानते हैं उसे साझा कर रहे हैं। ट्रूडो ने यह भी कहा है कि वह भारत के साथ संबंधों को और खराब नहीं करना चाहते हैं। हम सिर्फ तथ्यों को वैसे ही सामने रख रहे हैं जैसा हम पता है और हम सब कुछ स्पष्ट करने के लिए भारत सरकार के साथ इस पर काम करना चाहते हैं।
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रिपोर्टें चिंताजनक
उधर ब्रिटेन में ब्रिटिश लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी और प्रीत कौर गिल ने मंगलवार को कहा कि कई सिख चिंतित, क्रोधित और भयभीत हैं और उन्होंने उनसे संपर्क किया है। उन्होंने कहा कि कनाडा से आ रही रिपोर्टें चिंताजनक हैं। उन्होंने कहा कि वे अपनी चिंताओं को सीधे सरकार के मंत्रियों के समक्ष उठा रहे हैं। उन्होंने कहा यह महत्वपूर्ण है कि कनाडा सरकार मामले की गंभीरता से जांच करे और न्याय हो।
भारत में अमेरिकी राजदूत ने ट्रूडो के आरोपों को बताया चिंताजनक
भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने ट्रूडो के आरोपों को चिंताजनक बताया और अंतरराष्ट्रीय कानून, संप्रभुता और गैर-हस्तक्षेप के सिद्धांतों का पालन करने के महत्व को रेखांकित किया। सोमवार को कनाडाई संसद में ट्रूडो ने कहा था कि अपनी धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में किसी भी विदेशी सरकार की भागीदारी हमारी संप्रभुता का अस्वीकार्य उल्लंघन है। रणनीतिक मामलों के अग्रणी थिंक-टैंक अनंता सेंटर में एक इंटरैक्टिव सत्र में गार्सेटी ने कहा, "जाहिर है कि इस तरह के किसी भी आरोप से किसी को भी चिंता होगी। लेकिन मुझे उम्मीद है कि इसकी एक गहन जांच से हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाया जाए।"
भारत-कनाडा विवाद के बीच चीन
भारत-कनाडा विवाद के बीच अब चीन भी आ गया है और वह कनाडा का समर्थन कर रहा है। जबकि ओटावा के कार्लटन विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय संबंधों की प्रोफेसर स्टेफनी कार्विन ने कहा, "चीन को संतुलित करने के लिए पश्चिमी गणनाओं में भारत महत्वपूर्ण है, और कनाडा नहीं है। यह वास्तव में कनाडा को अन्य सभी पश्चिमी देशों से पीछे रखता है।"