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India Canada Row: निज्जर मामले में और सख्त हुआ भारत, कनाडा को 41 राजनयिकों को वापस बुलाने का दिया आदेश

भारत ने कनाडा के बीच चल रहे राजनयिक विवाद के बीच बड़ी खबर आई है। भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए कनाडा से अपने 41 राजनयिकों को वापस बुलाने को कहा है। फाइनेंशियल टाइम्स ने बताया कि भारत ने कनाडा से कहा है कि वो 10 अक्टूबर तक 41 राजनयिकों को वापस बुलाए। दोनों देशों के बीच विवाद कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के बयान के बाद सामने आया।

By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Tue, 03 Oct 2023 09:55 AM (IST)
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भारत ने कनाडा के खिलाफ अपनाया कड़ा रुख (फाइल फोटो)

रायटर्स, नई दिल्ली। भारत और कनाडा के बीच चल रहे राजनयिक विवाद के बीच बड़ी खबर आई है। भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए कनाडा से अपने 41 राजनयिकों को वापस बुलाने को कहा है। फाइनेंशियल टाइम्स ने मंगलवार को बताया कि भारत ने कनाडा से कहा है कि वो 10 अक्टूबर तक अपने 41 राजनयिकों को वापस बुलाए।

पिछले हफ्ते कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बयान देकर भारत सरकार पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था। हालांकि, भारत ने इन दावों को सिरे से खारिज करते हुए इसे बेतुका और राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया है।

कनाडा के भारत में 62 राजनयिक

फाइनेंशियल टाइम्स ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारत ने कनाडा के उन राजनयिकों की राजनयिक छूट को रद्द करने की धमकी दी है, जिन्हें 10 अक्टूबर के बाद देश छोड़ने के लिए कहा गया है। बता दें कि कनाडा के भारत में 62 राजनयिक मौजूद हैं। भारत ने कहा है कि कनाडा के राजनयिकों की कुल संख्या 41 तक कम की जानी चाहिए।

कनाडा ने नई दिल्ली को निराश किया- जयशंकर

हालांकि, भारत और कनाडा विदेश मंत्रालयों ने इस मामले पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि है कि कनाडा ने पहले अपने यहां भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा और धमकी का माहौल बनाया। उन्होंने कहा कि कनाडा में सिख अलगाववादी समूहों की मौजूदगी ने नई दिल्ली को निराश किया है।

वहीं, कुछ दिनों पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक के दौरान ये मुद्दा उठाया था। ब्लिंकन ने कहा कि घटना के पीछे जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। गौरतलब है कि कनाडा ने अभी तक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के दावे का समर्थन करने के लिए कोई सार्वजनिक सबूत उपलब्ध नहीं करवाया है।

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