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Canada: भारतीय छात्रों के लिए बड़ी खबर, कनाडा लेकर आया 'नई स्टूडेंट वर्क पॉलिसी'; यहां पढ़े पूरी डिटेल

कनाडा में रह रहे भारतीयों के लिए बड़ी खबर है। दरअसल यहां भारत सहित अंतर्राष्ट्रीय छात्र सितंबर से प्रति सप्ताह में केवल 24 घंटे तक कैंपस से बाहर काम कर सकेंगे। यह नियम मंगलवार यानी आज से लागू हो चुका है। कनाडा भारतीय छात्रों के लिए सबसे अधिक मांग वाला देश है। कैनेडियन ब्यूरो फॉर इंटरनेशनल एजुकेशन (सीबीआईई) की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा में 319130 ​​भारतीय छात्र थे।

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Tue, 30 Apr 2024 03:35 PM (IST)
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कनाडा लेकर आया 'नई स्टूडेंट वर्क पॉलिसी (Image: ANI)
पीटीआई, ओटावा। कनाडा में रह रहे भारतीयों के लिए बड़ी खबर है। दरअसल, यहां भारत सहित अंतर्राष्ट्रीय छात्र सितंबर से प्रति सप्ताह में केवल 24 घंटे तक कैंपस से बाहर काम कर सकेंगे। यह नियम मंगलवार यानी आज से लागू हो चुका है।

दरअसल, छात्रों को कैंपस से बाहर प्रति सप्ताह 20 घंटे से अधिक काम करने की अनुमति देने वाली अस्थायी नीति 30 अप्रैल, 2024 को समाप्त हो चुकी है और इसे अब आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।

24 घंटे काम करने की नीति

आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता मंत्री मार्क मिलर ने सोमवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि हमारा इरादा छात्रों द्वारा प्रति सप्ताह कैंपस से बाहर काम करने की संख्या को 24 घंटे में बदलने का है। उन्होंने कहा कि कनाडा सरकार देश भर में अंतरराष्ट्रीय छात्र नामांकन में वृद्धि पर रोक लगा रही है।

भारतीयों की पसंद कनाडा

बता दें कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने देश में श्रमिकों की कमी को दूर करने के लिए कोविड -19 महामारी के दौरान अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए काम के घंटों पर 20 घंटे की सीमा को अस्थायी रूप से माफ कर दिया था।

कनाडा भारतीय छात्रों के लिए सबसे अधिक मांग वाला देश है। कैनेडियन ब्यूरो फॉर इंटरनेशनल एजुकेशन (सीबीआईई) की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा में 3,19,130 ​​भारतीय छात्र थे। कनाडा में स्थित कॉलेजों और विश्वविद्यालयों दोनों में, अंतरराष्ट्रीय छात्रों के बीच अधिकांश सीटों पर भारतीयों का कब्जा है।

24 घंटे करने का कारण क्यों?

मिलर ने कहा कि जो छात्र कनाडा आते हैं उन्हें पढ़ाई के लिए यहां अवश्य आना चाहिए। इस प्रकार, छात्रों को प्रति सप्ताह 24 घंटे तक काम करने की अनुमति देने से यह सुनिश्चित होगा कि वे मुख्य रूप से अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करेंगे, साथ ही यदि आवश्यक हो तो काम करने का विकल्प भी उनके पास रहेगा। उन्होंने कहा कि कैंपस से बाहर काम करने से अंतरराष्ट्रीय छात्रों को वर्क एक्सपीरियंस मिलेगा। साथ ही कुछ खर्चों की भरपाई करने में भी मदद मिलती है।

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