ट्रूडो का फिर दिखा खालिस्तानी प्रेम, कनिष्क बम विस्फोट मामले पर कनाडा के PM ने क्या कहा?
कनिष्क विमान में 39 साल पहले हुए बम विस्फोट को लेकर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि यह हमला कनाडा के इतिहास का सबसे घातक आतंकी हमला है। यह हमें आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा करने की हमारी साझा जिम्मेदारी की याद दिलाता है। साल 1985 को कनाडा के 280 नागरिकों सहित 329 निर्दोष लोगों को जान गंवाना पड़ा था।
नई दिल्ली, जेएनएन। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एअर इंडिया के कनिष्क विमान में 39 साल पहले हुए बम विस्फोट में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्वांजलि दी। कनाडा में वर्ष 2005 में हर वर्ष 23 जून को कनिष्क विमान हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की याद में नेशनल डे ऑफ रेमेंबरेंस फार विक्टिम ऑफ टेरोरिज्म मनाया जाता है।
ट्रूडो ने कहा,"यह हमला कनाडा के इतिहास का सबसे घातक आतंकी हमला है। यह हमें आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा करने की हमारी साझा जिम्मेदारी की याद दिलाता है।" गौरतलब है कि अपने भाषण में ट्रूडो ने न तो खालिस्तानी आतंकियों की निंदा की और ना ही किसी आतंकवादी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही।
329 लोगों ने गंवाई थी जान
39 साल पहले 23 जून 1985 को कनाडा के 280 नागरिकों सहित 329 निर्दोष लोगों को जान गंवाना पड़ा था, जब एअर इंडिया की फ्लाइट 182 में लगाया गया बम उड़ान के दौरान फट गया था।
बम विस्फोट से विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। इनमें अधिकतर भारतवंशी थे। इससे पहले रविवार को ओटावा में भारतीय उच्चयोग ने कहा था कि कनिष्क विमान हादसे में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी थी। कहा था कि इस कायराना आंतकी हमले को कनाडा में बैठे खालिस्तानी आतंकियों ने अंजाम दिया था। हमले के षड्यंत्रकारी अभी भी आजाद घूम रहे हैं।
आतंकियों को पनाह दे रही ट्रूडो सरकार
दुर्भाग्य की बात है कि कनाडा में कई बार आतंकी घटनाओं का महिमामंडन किया जाता है, जबकि हर शांतिप्रिय देश को इसकी निंदा करनी चाहिए। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था, कनिष्क विमान हादसे की बरसी यह याद दिलाती है कि आतंकवाद किसी भी कीमत पर क्यों स्वीकार नहीं किया जा सकता।
गौरतलब है कि भारत लगातार कहता रहा है कि कनाडा खालिस्तानी आतंकियों को प्रश्रय दे रहा है। खालिस्तानी आतंकी भारत के खिलाफ हिंसा की षड्यंत्र रचने में लगे हुए हैं, लेकिन कनाडा इन आतंकियों पर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें शह दे रहा है।
संसद के उपचुनाव में ट्रूडो को लगा झटका
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को मंगलवार को बड़ा झटका लगा, जब उनकी लिबरल पार्टी अपने गढ़ में संसदीय उपचुनाव हार गई। इस हार के बाद विपक्षी नेता पियरे पोलीवरे ने तत्काल चुनाव की मांग की है।कांटे की टक्कर वाले मुकाबले में कंजरवेटिव पार्टी के उम्मीदवार डान स्टीवर्ट ने लिबरल पार्टी के लेस्ली चर्च को 590 वोटों से हराकर टोरंटो-सेंट पाल के लिबरल गढ़ में जीत हासिल की।
इस मुकाबले में न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी से भारतवंशी अमृत परहार भी उम्मीदवार थे। लिबरल पार्टी ने 1993 से टोरंटो-सेंट पाल पर कब्•ाा कर रखा था।
यह हाउस ऑफ कामन्स की 338 सीटों में से एक है।प्रारंभिक परिणामों के अनुसार, स्टीवर्ट को 15,555 मतों के साथ 42.1 प्रतिशत मत मिले, जबकि चर्च को 14,965 मतों के साथ 40.5 प्रतिशत मत मिले। एनडीपी उम्मीदवार परहार10.9 प्रतिशत मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
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