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कनाडा में हिंदू मंदिर पर हमले का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, आतंकी पन्नू से कनेक्शन; निज्जर की जगह कर रहा था काम

कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर में किए गए उपद्रव मामले में कनाडा पुलिस ने एक और गिरफ्तारी की है। शनिवार को एक विज्ञप्ति में पील क्षेत्रीय पुलिस (पीआरपी) ने एलान किया कि ब्रैम्पटन के निवासी 35 साल के इंद्रजीत गोसल को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया। बताया जा रहा है आरोपी गुरपतवंत पन्नू का करीबी है उसने निज्जर की जगह ले ली है।

By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Sun, 10 Nov 2024 12:42 PM (IST)
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आरोपी इंद्रजीत गोसल गुरपतवंत पन्नू का है करीबी (फोटो-सोशल मीडिया)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर में किए गए उपद्रव मामले में कनाडा पुलिस ने एक और गिरफ्तारी की है। शनिवार को एक विज्ञप्ति में, पील क्षेत्रीय पुलिस (पीआरपी) ने एलान किया कि ब्रैम्पटन के निवासी 35 साल के इंद्रजीत गोसल को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया और उस पर हथियार से हमला करने का आरोप लगाया गया।

हालांकि विज्ञप्ति में कहा गया है कि उसे कुछ शर्तों के तहत रिहा कर दिया गया है और उसे बाद में ब्रैम्पटन में ओन्टारियो कोर्ट ऑफ जस्टिस में पेश होना है। गोसल को 8 नवंबर को हिंदू सभा मंदिर में एक प्रदर्शन के बाद गिरफ्तार किया गया था, जहां खालिस्तानी चरमपंथियों ने हिंदू-कनाडाई भक्तों पर हमला किया था।

हिंसा में बदला प्रदर्शन 

द गोर रोड पर हुआ प्रदर्शन, शारीरिक हिंसा में बदल गया, जिसमें व्यक्तियों ने झंडे और लाठियों को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। पुलिस ने कई अपराधों की जांच शुरू की, जिनमें से कई को वीडियो में कैद कर लिया गया और अन्य संदिग्धों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच जारी है।

गुरपतवंत पन्नू का है करीबी

गोसल को सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के जनरल काउंसिल गुरपतवंत पन्नू का लेफ्टिनेंट बताया जा रहा है। पिछले साल 18 जून को हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद उसने जनमत संग्रह के मुख्य कनाडाई आयोजक के रूप में उनकी जगह ली। निज्जर की हत्या के बाद वही रेफरेंडम से जुड़े काम को देख रहा है। 

पुलिस ने 3 और 4 नवंबर की घटनाओं की जांच जारी रखने के लिए एक रणनीतिक जांच दल का गठन किया है। उन्होंने कहा कि इन जांचों में समय लगता है और व्यक्तियों की पहचान होते ही गिरफ्तारियां की जाती हैं।

कनाडा और भारत के बीच चल रहा तनाव

कनाडाई पुलिस के अनुसार, कथित तौर पर गोसल भी उन 13 कनाडाई लोगों में शामिल था, जो खालिस्तान समर्थक तत्वों के उद्देश्य से की गई हिंसक आपराधिक गतिविधि का निशाना थे। कनाडा के उन आरोपों के कारण भारत ने जवाबी कार्रवाई में छह राजनयिकों और अधिकारियों को देश से वापस ले लिया और छह को निष्कासित कर दिया।

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