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कनाडा-अमेरिका सीमा पर जमकर हुई थी भारतीय परिवार की मौत, दो आरोपियों के खिलाफ ट्रायल कल से शुरू

कनाडा से अमेरिका में प्रवेश की कोशिश के दौरान जनवरी 2022 में जान गंवाने वाले भारतीय परिवार के मामले में आरोपित बनाए गए दो लोगों के खिलाफ 18 नवंबर से ट्रायल शुरू होगा। मरने वालों में जगदीश पटेल पत्नी वैशालीबेन और उनके दो छोटे बच्चे 11 वर्षीय विहांगी और तीन वर्षीय धार्मिक शामिल थे। तापमान -38 डिग्री सेल्सियस होने के कारण वे ठंड से जम गए थे।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sat, 16 Nov 2024 07:50 PM (IST)
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2022 में भारतीय परिवार ने गंवाई थी अपनी जान। ( सांकेतिक फोटो)
एपी, मिनियापोलिस। कनाडा से अमेरिका में प्रवेश की कोशिश के दौरान जनवरी 2022 में जान गंवाने वाले भारतीय परिवार के मामले में आरोपित बनाए गए दो लोगों के खिलाफ 18 नवंबर से ट्रायल शुरू होगा। मरने वालों में जगदीश पटेल, पत्नी वैशालीबेन और उनके दो छोटे बच्चे, 11 वर्षीय विहांगी और तीन वर्षीय धार्मिक शामिल थे। तापमान -38 डिग्री सेल्सियस होने के कारण वे ठंड से जम गए थे।

दोनों ने खुद को बताया निर्दोष

दोनों आरोपितों पर अमेरिका में मानव तस्करी अभियान का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया है। दोनों ने खुद को निर्दोष बताया है। संघीय अभियोजकों ने कहा कि डर्टी हैरी के नाम से प्रसिद्ध हर्षकुमार पटेल कनाडा में चीजों का समन्वय कर रहा था। अमेरिका में स्टीव शैंड ड्राइवर था, जिसे हाल ही में पटेल ने भर्ती किया था। मिनेसोटा में वैन तक पहुंचने की उम्मीद में परिवार रात में पैदल यात्रा कर रहा था।

16 डिग्री ठंड नर्क के बराबर

शैंड ने कनाडा में अपने सहयोगी को यह सुनिश्चित करने के लिए चेतावनी दी थी कि सभी लोग खतरनाक परिस्थितियों के लिए तैयार रहें। संघीय अभियोजकों ने कहा कि पांच सप्ताह तक दोनों ने साथ काम किया था। आरोप लगाया गया है कि वे अक्सर कड़ाके की ठंड के बारे में बात करते थे। शैंड ने अपनी पिछली यात्रा के दौरान संदेश भेजा था, ''16 डिग्री ठंड नर्क के बराबर है।'' 19 जनवरी 2022 को शैंड को पटेल के परिवार समेत 11 अन्य भारतीय प्रवासियों को रिसीव करना था। इनमें केवल सात जीवित बचे। कनाडाई अधिकारियों को परिवार के सभी सदस्य मृत मिले थे।

गुजरात का रहने वाला था परिवार

जान गंवाने वाला यह भारतीय परिवार गुजरात के गांव डिंगुचा का रहने वाला था। गांव की गलियां कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जाने के विज्ञापनों से भरी हैं। परिवार की जानलेवा यात्रा की शुरुआत यही से हुई। 39 वर्षीय जगदीश पटेल डिंगुचा में पले-बढ़े। परिवार का ताल्लुक संपन्न घराने से था। पूरा परिवार गुजरात में अच्छा जीवन जी रहा था। इस गांव से बड़ी संख्या में लोगों ने पलायन किया। लोग खेत बेचकर तस्करों के माध्यम से विदेश जाना चाहते हैं।

30 सितंबर तक यूएस बॉर्डर पेट्रोल ने कनाडा की सीमा पर 14,000 से अधिक भारतीयों को गिरफ्तार किया। प्यू रिसर्च सेंटर का अनुमान है कि अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की संख्या 725,000 से अधिक हो सकती है। यह मैक्सिकन और अल सल्वाडोर के बाद सबसे अधिक है। तस्कर लोगों को बताते हैं कि अमेरिका जाना बेहद आसान है। इसी जाल में वह लोगों को फंसाते हैं। गुजरात का यह परिवार भी अच्छी जिंदगी की चाहत में अमेरिका जाना चाहता था। मगर भीषण ठंड में पूरे परिवार की जमने की वजह से मौत हो गई।

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