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'निज्जर कनाडाई नहीं, विदेशी आतंकी था', झूठे आरोपों पर अपने ही देश में घिरे ट्रूडो; विपक्षी नेता ने लगाई क्लास

India Canada Row भारत पर झूठे आरोप लगाने वाले जस्टिन ट्रूडो को उनके अपने देश में ही इन पर समर्थन नहीं मिल रहा है। वहां के विपक्षी नेता ने कहा कि हरदीप सिंह निज्जार कोई कनाडाई नहीं थी बल्कि एक विदेशी आतंकी था। साथ ही विपक्षी नेता ने निज्जर की नागरिकता मरणोपरांत छीन लेने को भी कहा है। पढ़ें ट्रूडो पर क्या-क्या लगाए आरोप।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 18 Oct 2024 08:27 PM (IST)
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विपक्षी नेता ने कहा कि ट्रूडो विवादों से ध्यान भटकाने के लिए निज्जर हत्याकांड का इस्तेमाल कर रहे हैं।

पीटीआई, ओटावा। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड को लेकर भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अपने देश में ही घिर गए हैं। एक विपक्षी नेता ने ट्रूडो पर आरोप लगाया है कि वह अन्य विवादों से ध्यान भटकाने के लिए निज्जर हत्याकांड का इस्तेमाल कर रहे हैं।

उन्होंने सरकार से पिछली प्रशासनिक गलती को सुधारने के लिए खालिस्तानी आतंकी की नागरिकता मरणोपरांत छीन लेने को कहा है। पीपुल्स पार्टी ऑफ कनाडा के नेता मैक्सिम बर्नियर ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि पूरे विवाद के केंद्र में जो खालिस्तानी है, वह कनाडाई नहीं था। एक विदेशी आतंकी था। निज्जर ने कनाडा में शरण लेने के लिए कई बार फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किया था। उसे किसी तरह 2007 में नागरिकता प्रदान की गई थी।

'ध्यान भटकाने का प्रयास'

उन्होंने कहा, 'अगर रायल कनाडाई माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) और लिबरल सरकार की ओर से लगाए गए आरोप सच हैं कि भारतीय राजनयिक हमारी धरती पर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त थे तो यह गंभीर मामला है। इससे निपटा जाना चाहिए। हालांकि, अभी तक हमने कोई साक्ष्य नहीं दिया है। ट्रूडो स्पष्ट रूप से अन्य विवादों से ध्यान भटकाने के लिए इस मामले का इस्तेमाल कर रहे हैं।'

(खालिस्तानी समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर।)

इधर, कनाडा के सुरक्षा विशेषज्ञ जो एडम जॉर्ज ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण संकट राजनयिकों के निष्कासन से बहुत पहले शुरू हो गया था। इसकी शुरुआत बहुत पहले हुई थी। आरसीएमपी को कनाडा में कई आपराधिक गतिविधियों की जांच करते कई साल हो गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम को खालिस्तानी गतिविधियों से कोई सीधा खतरा नहीं है, इसलिए वे इस मामले को महत्व नहीं दे रहे हैं।

भारत ने दी थी कड़ी प्रतिक्रिया

उल्लेखनीय है कि निज्जर की जून, 2023 में हत्या हुई थी। इस मामले की जांच के संदर्भ में कनाडा की सरकार की तरफ से भारतीय उच्चायुक्त व दूसरे अधिकारियों पर अभियोजन चलाने की कोशिश पर भारत ने सोमवार को अपने राजनयिकों को वापस बुलाने व कनाडाई राजयनिकों को बर्खास्त करने का फैसला किया था। कनाडा ने भी छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित करने की घोषणा की थी।

गौरतलब है कि इससे पहले भारत-कनाडा के संबंध उस वक्त सबसे खराब स्तर पर पहुंच गए, जब कनाडा ने निज्जर की हत्या की जांच में भारतीय उच्चायुक्त को शामिल करने की कोशिश की। इसके बाद भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए न सिर्फ कनाडा से अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया, बल्कि भारत से भी कनाडाई उच्चायुक्तों को निष्कासित कर दिया।