Air India के इतिहास की सबसे खौफनाक घटना है AI182 Kanishka बम धमाका, 31 हजार फीट की ऊंचाई पर हुआ था ब्लास्ट
कनाडा के इतिहास की पहली आतंकी घटना थी कनिष्क विमान धमाका। कनाडा के इतिहास में इसकी जांच और ट्रायल सबसे महंगी साबित हुआ था। इस घटना की जांच को बनाए गए कमीशन ने सरकार और इंटेलिजेंस एजेंसियों की खामी को उजागर किया था।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 15 Jul 2022 09:39 AM (IST)
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। आज से करीब 37 वर्ष पहले 23 जून 1985 को अटलांटिक महासागर के ऊपर जो धमाका हुआ था उसकी गूंज आज तक भी रह-रह कर सुनाई देती है। अटलांटिक महासागर के ऊपर ये धमाका एयर इंडिया के बोईंग 747-237बी में हुआ था। ये विमान उस वक्त कनाडा के मोंट्रियल से लंदन-दिल्ली-मुंबई की उड़ान पर था। करीब 31 हजार फीट की ऊंचाई पर इसमें एक जोरदार धमाका हुआ और इसमें सवार यात्रियों के परखच्चे उड़कर महासागर में जा समाए थे।
भारत समेज समूची दुनिया को लगा था धक्का इस आतंकी घटना ने भारत ही नहीं पूरी दुनिया को गहरा धक्का लगाया था। कनाडा के इतिहास की ये पहली आतंकी घटना थी। इस विमान में बम विस्फोट की घटना को कनाडा स्थित बब्बर खालसा के सिख उग्रवादियों ने अंजाम दिया था। ये आतंकी संगठन अमेरिका, भारत और कनाडा में प्रतिबंधित है। धमाके के बाद विमान का मलबा आयरलैंड के उत्तर पश्चिम में करीब 190 किमी दूर देखा गया था।
सबसे अधिक थे कनाडा के यात्री विस्फोट की इस घटना से विमान में सवार 22 क्रू मैबंर्स समेत सभी 329 यात्री जिनमें 268 कनाडा नागरिक, 27 ब्रिटिश नागरिक और 24 भारतीय नागरिक सवार थे मारे गए। एयर इंडिया के विमान के साथ हुई ये पहली ऐसी घटना भी थी। उग्रवादियों की योजना इसी दिन एयर इंडिया के दो विमानों में धमाका कर लोगों को मारने की थी। इसमें से एक कनिष्क में वो अपनी योजना को अंजाम देने में सफल हो गए थे। दूसरी घटना के तहत जापान से उड़ान भरने वाले एयर इडिया के विमान संख्या 301 को ऐसे ही निशाना बनाया जाना था।
ये थी योजना योजना के मुताबिक जापान के नरिता एयरपोर्ट से एयर विमान विमान के टेकआफ करने के कुछ देर बाद ही विमान में धमाका होना था। लेकिन ये धमाका तय समय से पहले उस वक्त हो गया जब विमान में समान रखा जा रहा था। दोनों ही विमानों में बम को सूटकेस में छिपाकर विमान के निचले हिस्से में रखा गया था। नरिता की घटना में दो लोगों की मौत हुई थी। इस घटना के बाद इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के सदस्य इंदरजीत सिंह रेयात को गिरफ्तार कर उस पर मुकदमा चलाया गया। उसको बाद में 15 वर्ष की सजा भी हुई थी।
कनाडा के इतिहास की सबसे महंगी जांच और ट्रायल एयर इंडिया के कनिष्क विमान की आतंकी घटना की जांच करीब 20 वर्षों तक चली थी। कनाडा के इतिहास की ये सबसे महंगी जांच और ट्रायल भी साबित हुआ था। इस पर करीब 13 करोड़ डालर का खर्च आया था। गवर्नमेंट जनरल काउंसिल ने वर्ष 2006 में एक पूर्व जज की अध्यक्षता में एक कमीशन का गठन किया।कमीशन ने उजागर की सरकार और इंटेलिजेंस एजेंसी की खामी
इस कमीशन ने अपनी रिपोर्ट 17 जून 2010 को सरकार को सौंपी थी। इसमें सिलसिलेवार तरीके से कनाडा सरकार, रायल केनेडियन माउंटेड पुलिस और कनाडा सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस की खामियों को उजागर किया गया। इस रिपोर्ट में साफतौर पर कहा गया था कि इनकी खामियों की वजह से इस तरह की घटना को अंजाम दिया जा सका था।नदिया के पार फिल्म के हीरो भी इस घटना में मारे गए
कनाडा में मारा गया रीपूदमन सिंह मलिक उन आरोपियों में शामिल था जिस पर इस बम धमाके को अंजाम देने का आरोप लगा था। 1970 के दशक में तलविंदर सिंह परमार, अजायब सिंह बागरी, इंदरजीत सिंह रेयात जो कि बब्बर खालसा के सदस्य थे भारत छोड़कर कनाड़ा में जा बसे थे। 1980 तक वैंकोवर और ब्रिटिश कोलंबिया में सिखों की अच्छी खासी आबादी थी। इस घटना के तार उग्रवादी जनरैल सिंह भिंडरावला और उसके साथियों से जुड़े थे।
केवल 132 यात्रियों के शव हुए थे बरामद कनिष्क की आतंकी घटना के बाद 132 यात्रियों के शवों को रिकवर कर लिया गया था जबकि 197 के शवों का कुछ पता नहीं चल सका। इस विमान का फ्लाइट डाटा रिकार्डर और काकपिट वायस रिकार्डर भी समुद्र की गहराइयों से निकाल लिया गया था। इस घटना ने 29 परिवारों को पूरी तरह से खत्म कर दिया था। इस विमान में नदिया के पार फिल्म में सचिन के बड़े भाई की भूमिका निभाने वाले इंटर ठाकुर उनकी पत्नी और उनके बेटे की भी मौत हो गई थी।