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Chinese Army: चीन में कॉमेडी कंपनी पर लगा 20 लाख डॉलर का जुर्माना, कामेडियन ने उड़ाया था सेना का मजाक

चीन के संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय के बीजिंग शाखा ने कहा कि यह शंघाई शियाओगुओ कल्चर मीडिया कंपनी पर 133.5 लाख युआन का जुर्माना लगाएगा और फर्म से अवैध लाभ में 13.5 लाख युआन को जब्त किया जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 17 May 2023 11:51 PM (IST)
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चीन में सेना का मजाक उड़ाने वाली कामेडी कंपनी पर जुर्माना (फाइल फोटो)
बीजिंग, एजेंसी। चीन ने बुधवार को देश की सबसे प्रसिद्ध कामेडी कंपनी में से एक पर 147 लाख युआन (21.3 लाख डालर) का जुर्माना लगाया है, क्योंकि उसने कम्युनिस्ट पार्टी की आर्मी का मजाक उड़ाया था। रिपोर्ट के अनुसार, कामेडी एजेंसी के एक कामेडियन ने सेना का मजाक उड़ाया, जिसके बाद चीन की सरकार ने उसके मजाक को समाज को नुकसान पहुंचाने वाला बताया और कंपनी पर 20 लाख डालर से ज्यादा का जुर्माना लगाया।

बीजिंग नगर संस्कृति और पर्यटन ब्यूरो ने शनिवार को बीजिंग में दो लाइव प्रदर्शनों के दौरान लोकप्रिय कामेडियन ली होशी पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (चीन की सेना) का मजाक करने का आरोप लगाया। प्राधिकरण ने कहा कि उनके मजाक का गलत सामाजिक प्रभाव था।

बयान में कहा गया कि हम किसी भी कंपनी या व्यक्ति को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की शानदार छवि को बदनाम करने की अनुमति नहीं देंगे। प्राधिकरण ने यह भी कहा कि शंघाई स्थित शियाओगुओ कल्चर मीडिया द्वारा आयोजित सभी प्रदर्शनों को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया गया है।

फर्म से जब्त किए गए 13.5 लाख युआन

चीन के संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय के बीजिंग शाखा ने कहा कि यह शंघाई शियाओगुओ कल्चर मीडिया कंपनी पर 133.5 लाख युआन का जुर्माना लगाएगा और फर्म से अवैध लाभ में 13.5 लाख युआन को जब्त किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा है कि ली होशी नाम के एक कामेडियन ने हालिया शो के दौरान सेना का मजाक उड़ाया था, जो चीन के नियमों का उल्लंघन है।

कामेडी कंपनी पर इस कार्रवाई के बाद चीन की जनता का एक बड़ा हिस्सा सरकार की आलोचना कर रहा है और कह रहा है कि चीनी शासन में लोग सिर्फ सिर झुकाकर ही चल सकते हैं। वहीं, कई नागरिकों का कहना है कि सेना का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।

''देश में लोकप्रिय हो रहा स्टैंडअप कामेडी''

कई चीनियों का कहना है कि देश में स्टैंडअप कामेडी काफी लोकप्रिय हो रहा है, लिहाजा कामेडियन को चाहिए कि वो अपने दायरे में रहे। वहीं, चीनी अधिकारियों का कहना है कि कामेडियंस को मूल समाजवादी मूल्यों को बढ़ावा देना चाहिए।