चीन ने फिर भूटान की सीमा पर कई गांव बसाकर किया खेल, अमेरिकी सैटेलाइट की ताजा तस्वीरों में दिखा अवैध विस्तार
चीन एक बार फिर भूटान से लगी विवादित सीमा पर अपने गांवों का विस्तार कर रहा है। दोनों देशों को अलग करने वाले इन हिमालयी क्षेत्रों में कम से कम तीन गांव बनाए गए हैं। जबकि कुछ गांवों का आकार दोगुना कर दिया गया है। जबकि दूसरी ओर दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर वार्ता भी जारी है। अमेरिका की सैटेलाइट तस्वीरों में अवैध विस्तार के पुख्ता सुबूत हैं।
पीटीआई, बीजिंग। चीन एक बार फिर भूटान से लगी विवादित सीमा पर अपने गांवों का विस्तार कर रहा है। दोनों देशों को अलग करने वाले इन हिमालयी क्षेत्रों में कम से कम तीन गांव बनाए गए हैं। जबकि कुछ गांवों का आकार दोगुना कर दिया गया है। जबकि दूसरी ओर, दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर वार्ता भी जारी है।
अमेरिका की मैक्सर तकनीक से ली गई सैटेलाइट तस्वीरों में अवैध विस्तार के पुख्ता सुबूत हैं। यह सीमावर्ती गांवों में 147 चीनी घरों में लोगों के प्रवेश करने से मात्र सात दिन पहले की सैटेलाइट तस्वीरें हैं। हांगकांग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रविवार को प्रकाशित रिपोर्ट में सत्तारूढ़ चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि चीन सरकार ने यह विस्तार कथित रूप से एक गरीबी योजना के तहत किया है, लेकिन असलियत में इस क्षेत्र की दो राष्ट्रों की सुरक्षा में अहम भूमिका है।
18 नए घर चीनी निवासियों के रहने के लिए तैयार
चीन और भूटान की सीमा से लगे जोन में स्थित हिमालय के सुदूर गांव में बने 18 नए घरों में चीनी निवासियों के रहने आने के लिए तैयार हैं। हरेक घर में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के पोट्रेट लगे हैं और चीनी व तिब्बती भाषा में लाल रंग के बैनर पर 'स्वागत' लिखा हुआ है।38 परिवारों को विस्तारित गांव तामालुंग में भेजा गया
पिछले ही साल 28 दिसंबर को 38 परिवारों के चीनी नागरिकों के पहले समूह को तिब्बती शहर शिगस्ते से नए विस्तारित गांव तामालुंग में भेजा गया है। विस्तारित गांवों में 235 परिवारों को बसाने की तैयारी है। जबकि 2022 के अंत तक वहां केवल 70 घरों में 200 लोग ही रहते थे।
ग्यालाफुग गांव 2007 में बसाया गया था
बताया जाता है कि सैटेलाइट इमेज में सीमावर्ती गांव पूर्वी तामालुंग, ग्यालाफुग ने पिछले साल मात्र 16 वर्ग किमी तक सीमित रहे गांव का फैलाव इस हद तक हो गया है कि उसमें 150 से अधिक नए घर शामिल कर लिए गए हैं। ग्यालाफुग गांव जो 2007 में बिना बिजली-पानी केवल दो घरों के साथ बसाया गया था। उसे 2016-18 में बतौर मॉडल विलेज विकसित कर लिया गया।