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China-France के बीच राजनयिक संबंधों को पूरे हुए 60 साल, मैक्रों की भारत यात्रा के बाद घबराए चीन ने पढ़े कसीदे

चीन और फ्रांस (China and France) के बीच राजनयिक संबंधों को 60 साल पूरे हो चुके हैं। इस अवसर पर शी ने कहा कि आज की दुनिया एक बार फिर एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है।चीन और फ्रांस को संयुक्त रूप से मानव विकास के लिए शांति सुरक्षा समृद्धि और प्रगति का रास्ता खोलना चाहिए। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने देश में फ्रांसीसी आयात बढ़ाने की पेशकश की है।

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Mon, 29 Jan 2024 09:15 AM (IST)
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China-France के बीच राजनयिक संबंधों को पूरे हुए 60 साल (Image: AFP)
पीटीआई, बीजिंग। चीन और फ्रांस के बीच राजनयिक संबंधों को 60 साल पूरे हो चुके हैं। इस अवसर पर चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अपना संदेश फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को दिया। शी ने कहा कि आज की दुनिया एक बार फिर एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। चीन और फ्रांस को संयुक्त रूप से मानव विकास के लिए शांति, सुरक्षा, समृद्धि और प्रगति का रास्ता खोलना चाहिए।

शी ने कहा कि चीन द्विपक्षीय संबंधों के विकास को बहुत महत्व देता है और वह मैक्रों के साथ राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ को 'बुनियादी सिद्धांतों को बनाए रखने, पिछली उपलब्धियों पर निर्माण करने, एक नया रास्ता खोलने के अवसर' के रूप में भविष्य में काम करने के लिए तैयार हैं।

चीन की फ्रांसीसी आयात बढ़ाने की पेशकश

वहीं, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने देश में फ्रांसीसी आयात बढ़ाने की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि हम फ्रांस से उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवाओं के आयात का विस्तार करना जारी रखेंगे।

बता दें कि चीन, फ्रांस के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता देता है क्योंकि मैक्रों यूरोप को तीसरा ब्लॉक बनाने के लिए दबाव डाल रहे हैं, जो अमेरिका और चीन के बीच संतुलन बनाने वाली ताकत है। चीन-फ्रांस संबंधों की सराहना करते हुए, चीनी आधिकारिक मीडिया ने उच्च तकनीक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया है।

मैक्रों की भारत यात्रा पर थी चीन की सतर्क नजर

राष्ट्रपति मैक्रों 26 जनवरी को नई दिल्ली में भारत के 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे तो बीजिंग ने मैक्रों की भारत यात्रा पर सतर्क नजर रखी। इसका कारण यह है कि अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा चीन का मुकाबला करने के लिए भारत को समर्थन देने के प्रयासों के बीच पेरिस नई दिल्ली के लिए एक प्रमुख रक्षा भागीदार के रूप में उभर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मैक्रों की बातचीत के बाद, दोनों देशों ने हिंद महासागर और भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने के अलावा महत्वपूर्ण सैन्य हार्डवेयर के सह-विकास के लिए एक महत्वाकांक्षी रक्षा औद्योगिक रोडमैप का अनावरण किया। बता दें कि हिंद महासागर में भारत-फ्रांस सहयोग की गहनता से चीन चिंतित है क्योंकि वह भारत में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा है।

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