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क्या खत्म होगा भारत-चीन सीमा विवाद? जयशंकर की खरी-खरी के बाद ड्रैगन के तेवर हुए नरम

द्विपक्षीय समझौतों के संबंध में चीन की यह टिप्पणी तब आई जब जयशंकर ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में एशिया सोसाइटी और एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि दोनों देशों के बीच कई समझौते हुए। इन समझौतों का उल्लंघन करते हुए चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़ी संख्या में सेना भेजी। लेकिन हमने भी चीन को उसी तरह का जवाब दिया।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Thu, 26 Sep 2024 06:23 PM (IST)
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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (file photo)

पीटीआई, बीजिंग। भारत और चीन के बीच पिछले कुछ समय तनाव जारी है, लेकिन अब भारत की कूटनीति का असर चीन पर दिखने लगा है। भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के मुद्दे पर मतभेद को कम करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

दोनों देशों में बातचीत जारी

एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति को ध्यान में रखते हुए संभावित समाधान की रूपरेखा बनाई जा रही है। इसके साथ ही अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे को भी हल करने पर दोनों देशों के बीच सहमति बनी है। गुरुवार को चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन और भारत पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को समाप्त करने के लिए सैनिकों को हटाने पर और मतभेदों को कम करने पर दोनों पक्ष बातचीत जारी रखने पर सहमत हुए हैं।

समस्या का समाधान

चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग ने कहा कि चीन और भारत दोनों बातचीत के माध्यम से अपने मतभेदों को कम करने के लिए सहमत हुए हैं। जल्द ही दोनों देश इस समस्या का समाधान निकाल लेंगे। झांग शियाओगांग ने कहा कि चीन और भारत ने राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से एक-दूसरे के साथ संचार बनाए रखा है। इसमें बातचीत में भारत और चीन के विदेश मंत्री, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और सीमा परामर्श तंत्र से जुड़े अधिकारी शामिल हैं।

रूस में ब्रिक्स बैठक

झांग ने विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच बैठक के साथ-साथ रूस में ब्रिक्स बैठक के दौरान वांग और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच हाल ही में हुई बैठक का भी उल्लेख किया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने वांग और डोभाल के बीच वार्ता पर कहा कि दोनों देशों की अग्रिम पंक्ति की सेनाओं ने चीन-भारत सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में चार क्षेत्रों में सैनिकों को पीछे हटा लिया है, जिसमें गलवान घाटी भी शामिल है।

गश्त की व्यवस्था में छेड़छाड़

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि जब वह कहते हैं कि 75 प्रतिशत समस्या का समाधान हो गया है तो यह सिर्फ सेनाओं को पीछे हटाने के संदर्भ में है। अभी मुख्य मुद्दा गश्त का है। 2020 के बाद गश्त की व्यवस्था में छेड़छाड़ की गई है। गश्त के कुछ मुद्दे सुलझाना बाकी हैं। इसके बाद सैनिकों की संख्या कम करने का बड़ा मुद्दा है, दोनों देशों ने बड़ी संख्या में सैनिक सीमा पर तैनात कर रखे हैं। भारत-चीन के बीच 3,500 किलोमीटर की पूरी सीमा ही विवादित है।

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