चीन के ताइवान पर लगे कई प्रतिबंधों से किसानों को हो रही है मुश्किल, सता रही नुकसान की चिंता
नैंसी की ताइवान यात्रा से बौखलाए चीन ने ताइवान पर जो प्रतिबंध लगाए थे वो अब तक बरकरार हैं। इसकी वजह से अब किसानों को नुकसान की चिंता सता रही है। वे मानते हैं कि ये राजनीति से प्रेरित प्रतिबंध हैं।
By JagranEdited By: Kamal VermaUpdated: Sun, 25 Sep 2022 02:27 PM (IST)
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। ताइवान के मुद्दे पर आक्रामक रुख दिखाने वाले चीन के व्यवहार में कोई नरमी आती दिखाई नहीं दे रही है। अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद चीन ने जो प्रतिबंध ताइवान पर व्यापार को लेकर लगाए हुए थे वो बादस्तूर जारी हैं। इससे न केवल ताइवान के फल व मछली उत्पादकों को नुकसान होने का डर बना हुआ है बल्कि भविष्य की भी चिंता सताने लगी है। गौरतलब है कि ताइवान से हर रोज हजारों टन फल और मछली चीन जाती रही है।
नुकसान की आशंका
नैंसी की यात्रा से पहले तक ये व्यापार जारी था। लेकिन नैंसी की यात्रा के बाद चीन ने इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। पहले ताइवान से लाखों किलो चकोतरे चीन भेजे जाते थे। ताइवान के किसान इनकी पैदावार भी चीन को ध्यान में रखते हुए ही किया करते थे। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। ताइवान के हुलियन काउंटी के मुलीन ऊ के मुताबिक चीन में चकोतरे (Pumelo) की खपत काफी अधिक होती है।
ताइवान को मिले आर्डर रद
नैंसी के ताइवान आने से गुस्साए चीन ने ताइवान को मिले सभी आर्डर रद कर दिए और ताइवान से इंपोर्ट पर बैन लगा दिया। मुलीन के अलावा ऐसे कई किसान हैं जो ताइवान में इनकी खेती चीन को ध्यान में रखते हुए करते हैं। इन सभी को अब नुकसान का डर सता रहा है। ताइवान की Hualien Ruisui टाउनशिप से ही सालाना करीब 1.80 लाख किग्रा चकोतरा चीन भेजा जाता है। चीन के प्रतिबंध के बाद से इन किसानों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इन्हें ये भी नहीं पता है कि हालात कब सही होंगे। सही होंगे भी या नहीं , इस बारे में भी ये कुछ नहीं जानते हैं।नुकसान का सौदा
चीन के फैसले के बाद इन किसानों के लिए दूसरे देशों में अपने उत्पादों को भेजना महंगा तो है ही साथ ही नुकसान का सौदा नहीं रहा है। दूसरे देश अब इनकी फसल के औने-पौने दाम दे रहे हैं। हालांकि, इस तरह के सौदे से इनको पहले की अपेक्षा नुकसान कम होगा क्योंकि इन्हें इनकी फसल के कुछ दाम जरूर मिल जाएंगे। लेकिन ये खुद को नुकसान से नहीं बचा सकेंगे।
चीन का बैन राजनीति से प्रेरित
नैंसी के ताइवान आने के बाद चीन ने केवल चकोतरे पर ही नहीं बल्कि ताइवान से आने वाले खट्टे फलों और छोटी समुद्री मछलियों के आयात पर प्रतिबंध लगा रखा है। इससे इस कारोबार में लगे हजारों लोगों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इन सभी का हाल मुलीन जैसा ही है। हालांकि इनका कहना है कि चीन ने ताइवान पर जो प्रतिबंध लगाया है वो राजनीति से प्रेरित है।ताइवान से आने वाली मछलिया
चीन ने आरोप लगाया है कि ताइवान से आई मछलियां कई तरह के प्रतिबंधित कैमिकल से दूषित होती हैं। हालांकि इस काम में लगे ताइवानी इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं। बता दें कि ताइवान में होने वाली करीब 90 फीसद पैदावार चीन को निर्यात चीन को होता है। ऐसे में इन किसानों की हालत का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। गौरतलब है कि तनाव के बीच भी चीन का ताइवान सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर रहा है। चीन ताइवान से करीब 28 फीसद चीजों का आयात करता है।ताइपे टाइम्स की खबर के अनुसार