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UNSC Reforms: सुरक्षा परिषद में सुधार पर चीन का गंभीर चर्चा का बहाना, चीनी विदेश मंत्री ने कहा- वार्ता से बने आम सहमति

UNSC में सुधार के मसले पर चीन ने एक बार फिर अस्पष्ट रुख प्रदर्शित किया है।सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के दावे के विरोध से इनकार करते हुए चीन ने कहा है कि सुधार के लिए गंभीर चर्चा करके सहमति बनाए जाने की जरूरत है।चीन के विदेशमंत्री ने कहा कि विश्व उम्मीद करता है कि संयुक्त राष्ट्र वैश्विक चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटे और उनका समाधान निकाले।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Updated: Thu, 29 Feb 2024 11:22 PM (IST)
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सुरक्षा परिषद में सुधार पर चीन का गंभीर चर्चा का बहाना। फोटोः एपी।
पीटीआई, बीजिंग। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के मसले पर चीन ने एक बार फिर अस्पष्ट रुख प्रदर्शित किया है। सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के दावे के विरोध से इनकार करते हुए चीन ने कहा है कि सुधार के लिए गंभीर चर्चा करके सहमति बनाए जाने की जरूरत है।

UNSC में सुधार को लेकर चीन ने क्या कहा?

चीन के विदेश मंत्री वांग ई ने कहा कि विश्व उम्मीद करता है कि संयुक्त राष्ट्र वैश्विक चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटे और उनका समाधान निकाले। चीन सुरक्षा परिषद में सुधार का समर्थन करता है, लेकिन वह सही दिशा में होना चाहिए और उसमें विकासशील देशों की आवाज शामिल होनी चाहिए। वांग ने यह बात सुरक्षा परिषद में सुधार के सिलसिले में सरकारों से बात करने वाली संयुक्त राष्ट्र की समिति के सदस्यों-एमएएम अल्बनाई और एलेक्जेंडर मार्सचिक से वार्ता के दौरान कही।

विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन को लेकर क्या कहा था?

वांग ने यह बात भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के उस बयान के बाद कही है जिसमें कहा गया था कि सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देश (अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन) सुधार के मसले पर छोटी सोच प्रदर्शित कर रहे हैं। लेकिन सुधार प्रक्रिया में सबसे बड़ी रुकावट चीन खड़ी कर रहा है, न कि चार पश्चिमी देश। जयशंकर ने पिछले सप्ताह यह बयान दिया था।

UN के पांच सदस्यों के पास है वीटो का अधिकार

सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों के पास वीटो का अधिकार है जिससे वह किसी भी प्रस्ताव को आगे बढ़ने से रोक सकते हैं। इसी के चलते सुरक्षा परिषद में ज्यादातर प्रस्ताव आगे बढ़ने से पहले निष्प्रभावी हो जाते हैं। स्थायी सदस्यता के लिए भारत, जर्मनी, जापान, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका की दावेदारी है लेकिन दस वर्ष से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद सुधार की दिशा में एक भी प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है।

सुधार प्रक्रिया को चीन नहीं कर रहा बाधितः निंग

सुरक्षा परिषद में सुधार से संबंधित प्रश्न के उत्तर में चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन सुधार प्रक्रिया को बाधित नहीं कर रहा है बल्कि वह संयुक्त राष्ट्र में व्यापक बदलाव का पक्षधर है। इसी व्यापक बदलाव में सुरक्षा परिषद के ढांचे में भी बदलाव होगा।

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