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चीन ने कोरोना पर जानकारी पब्लिश करने वाले वैज्ञानिक को लैब से क्‍यों निकाला? वायरोलॉजिस्ट ने डिलीट किया ऑनलाइन पोस्‍ट

इंगलैंड से कोरोना वैक्‍सीन कोव‍िशील्‍ड पर चौंकाने वाली जानकारी सामने आने के बाद चीन में कोरोना पर रिसर्च में शामिल वैज्ञान‍िक को लैब से बाहर निकालने का मामला सामने आया है। चीन में कोविड-19 वायरस के एक अनुक्रम को प्रकाशित करने वाले पहले वैज्ञानिक उन्हें अपनी प्रयोगशाला से निकाले जाने के बाद रवि‍वार से धरने पर बैठे थे। इससे जुड़ी एक ऑनलाइन पोस्‍ट उन्‍होंने डिलीट कर दी।

By Agency Edited By: Prateek Jain Updated: Tue, 30 Apr 2024 02:06 PM (IST)
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चीन में कोरोना पर रिसर्च में शामिल वैज्ञान‍िक को लैब से बाहर निकालने का मामला सामने आया है। (फाइल फोटो)
एपी, शंघाई। इंगलैंड से कोरोना वैक्‍सीन कोव‍िशील्‍ड पर चौंकाने वाली जानकारी सामने आने के बाद चीन में कोरोना पर रिसर्च में शामिल वैज्ञान‍िक को लैब से बाहर निकालने का मामला सामने आया है। 

चीन में कोविड-19 वायरस के एक अनुक्रम को प्रकाशित करने वाले पहले वैज्ञानिक उन्हें अपनी प्रयोगशाला से निकाले जाने के बाद रवि‍वार से धरने पर बैठे थे। इससे जुड़ी एक ऑनलाइन पोस्‍ट उन्‍होंने डिलीट कर दी।

जनवरी 2020 में पब्लिश किया था पहला सीक्‍वेंस

वायरोलॉजिस्ट झांग योंगझेन ने सोमवार को एक ऑनलाइन पोस्ट में लिखा कि उन्हें और उनकी टीम को अचानक जानकारी दी गई कि उन्हें उनकी प्रयोगशाला से बाहर किया जा रहा है। उन्होंने पहली बार जनवरी 2020 की शुरुआत में कोरोना वायरस पर अनुक्रम (सीक्‍वेंस) प्रकाशित किया था।

इस कदम से पता चलता है कि कैसे चीनी सरकार ने कोरोनो वायरस प्रकोप से निपटने की जांच से बचने के लिए वैज्ञानिकों पर दबाव और नियंत्रण बनाए रखा है। झांग ने यह पोस्ट चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर लिखा था, लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया।

बारिश के बावजूद झांग रविवार से अपनी प्रयोगशाला के बाहर बैठे थे। झांग से जब मंगलवार को फोन पर बात करने की कोशि‍श की गई तो उन्‍होंने कहा कि उनके लिए कुछ भी कहना असहज है, लेकिन सोमवार को समाचार एजेंसी एपी के एक सहयोगी ने पुष्टि की कि विरोध हो रहा था।