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चीन के एयर शो में दुनिया की नजर में होंगे WZ-8 ड्रोन हाइपरसोनिक ड्रोन और अर्ली वार्निग एयरक्राफ्ट KJ-500

चीन सेना को अत्‍याधुनिक करने पर पूरा जोर दे रहा है। चीन में होने वाले एयर शो में इस बार कुछ ऐसे विमान और ड्रोन सामने आने वाले हैं जो पहले कभी सामने नहीं आए हैं। इसलिए ये एयर शो खास हो गया है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Mon, 07 Nov 2022 11:13 AM (IST)
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एयर शो में चीन उतारने वाला है अपना अर्ली वार्निग एयरबोर्न एयरक्राफ्ट
नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। चीन में मंगलवार को होने वाले एयर शो की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अब केवल इसका उद्घाटन होने का इंतजार किया जा रहा है। इस एयर शो से जहां चीन काफी उत्‍साहित है वहीं दुनिया की भी नजरें लगी हुई हैं। ऐसा इसलिए क्‍योंकि चीन इस एयर शो में पहली बार उन विमानों और दूसरी चीजों को उतारने वाला है जो अब से पहले दुनिया के सामने पेश नहीं की गईं। इसमें शामिल है WZ-10 Drone और KJ early warning aircraft समेत कुछ और खास चीजें। आईये जानते हैं आखिर इनकी क्‍या है खासियत :-

WZ-8 ड्रोन

WZ-8 ड्रोन एक हाइपरसोनिक अनमैन्‍ड एरियल व्‍हीकल है। इसकी खासियत इसके नाम में भी छिपी हुई है। दरअसल, ये दूसरे ड्रोन की तुलना में अधिक गति से उड़ सकता है। इसको एविएशन इंडस्‍ट्री कापरेशन आफ चाइना ने बनाया है। इसको पहली बार चीन की 70वीं मिलिट्री परेड में दिखाया गया था। 2019 और फिर 2021 के एयर शो में भी इसको पेश किया गया था।

सुपरसोनिक-हाइपरसोनिक ड्रोन

ये एक सुपरसोनिक-हाइपरसोनिक ड्रोन है। इसमें लगा राकेट इंजन इसको 6-7 मैक की स्‍पीड दे सकता है। इसका अर्थ है कि ये ड्रोन 7400-8600 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ सकता है। हवा में उड़ते हुए ये ड्रोन अपने टार्गेट पर सटीक निशाना लगा सकता है। खुफिया जानकारी एकत्रित कर सकता है। करीब 56 हजार मीटर की ऊंचाई पर उड़ते हुए ये ड्रोन जमीन की सटीक जानकारी उपलब्‍ध करवा सकता है।

38 फीट लंबा है ये ड्रोन 

आपको बता दें कि जिस स्‍पीड पर ये ड्रोन उड़ान भरता है वो स्‍पीड किसी हाइपरसोनिक मिसाइल की होती है। इसको दूसरे ड्रोन की ही तरह जमीन से आपरेट किया जाता है। इसकी लंबाई की बात करें तो ये करीब 38 फीट है और विंग्‍स को मिलाकर इसकी चौड़ाई करीब 22 फीट है।

Shaanxi KJ-500:

चीन का ये थर्ड जनरेशन का एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट है। इसको चीन की एयरफोर्स के लिए बनाया गया है। इस विमान को सांग्‍जी एयरक्राफ्ट कार्पोरेशन ने बनाया है और ये Y-9 एयरफ्रेम पर काम करता है। ये विमान केवल जरूरी जानकारी एकत्रित करने तक ही सीमित नहीं है बल्कि ये पूरी तरह अटैकिंग एयरक्राफ्ट है। इसमें लगे राडार जहां जरूरी जानकारी एकत्रित करने का काम करते हैं वहीं समय आने पर ये अटैकिंग मोड में भी आ सकता है। इसमें एयर टू एयर मिसाइल लगी हैं। इसके अलावा इसमें लगी कम ऊंचाई की क्रुज मिसाइलें दुश्‍मन पर सटीक निशाना लगा सकती हैं।

कई खूबियों से है लैस 

चीन ने इसकी तीसरी पीढ़ी के एयरक्राफ्ट को बनाने की शुरुआत 2000 में की थी। 5वीं पीढ़ी के इस विमान में जिन खास चीजों की जरूरत पर जोर दिया गया था उसमें बेहतर डिटेक्‍शन कैपेबिलिटी, बेहतर आइडेंटिफिकेशन एबिलिटी और तुरंत रेसपोंड करने की काबलियत। इसको बनाने में लाइट वेट मैटल का इस्‍तेमाल किया गया है जिससे इसमें अत्‍याधुनिक उपकरण लगाए जा सकें। AESA इसमें लगा AESA राडार सिस्‍टम रियल टाइम में 360 डिग्री का कवरेज देता है।

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