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China: पूर्व राष्‍ट्रपति जिनताओ को पार्टी बैठक से जबरन निकालने पर उठे सवाल, चीनी मीडिया ने दी सफाई

China के पूर्व राष्ट्रपति हु जिंताओ की शनिवार को पार्टी कांग्रेस में भारी बेइज्जती हुई।बता दें कि उन्हें पार्टी कांग्रेस की बैठक के दौरान जबरन पकड़कर हॉल से बाहर कर दिया गया। जब वह बाहर जा रहे थे तो वह बेहद हैरान और स्थिति से अनजान नजर आ रहे थे।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Mon, 24 Oct 2022 10:53 AM (IST)
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China: पूर्व राष्‍ट्रपति जिनताओ को पार्टी बैठक से जबरन निकालने पर उठे सवाल
नई दिल्ली। एपी। चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस में शी जिनपिंग की तीसरी बार ताजपोशी की गई। लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति बनने के साथ ही शी ने अपनी ताकत का नमूना भी पेश करना शुरू कर दिया है। पार्टी कांग्रेस की बैठक के बीच से पूर्व राष्ट्रपति हु जिंताओ को जबरन बाहर निकाल देने के बाद से कई सवाल खड़े हो गए हैं।

समापन सत्र के दौरान उन्हें अचानक बाहर का रास्ता दिखा दिया था, जिसका वीडिया सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि 79 वर्षीय हू, ,राष्ट्रपति शी के बगल में बैठे हुए है। इस दौरान दो सुरक्षा गार्ड उन्हें जबरन पकड़कर बाहर ले जाते हैं। हालांकि, हु जिंताओ इसका विरोध भी करते हैं और शी से कुछ बोलते है लेकिन उसके बावजूद उन्हें बाहर निकाल दिया जाता है। बता दें कि हू सत्तारूढ कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए थे।

चीन ने बतायी असल वजह

इस घटनाक्रम के बाद आधिकारिक सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने अंग्रेजी में ट्वीट किया कि हु की तबीयत खराब थी और उन्हें आराम करने की जरूरत थी। इसलिए उन्हें बैठक से बाहर भेजा गया। वहीं चीनी राज्य मीडिया ने अपनी सफाई में बताया कि पूर्व राष्ट्रपति हु जिंताओ को कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस के समापन समारोह से इसलिए बाहर भेजा गया क्योंकि उन्हें अच्छा महसूस नहीं हो रहा था। सत्र के दौरान उनती तबीयत बिगड़ने लगी जिसके बाद स्टाफ के लोग उन्हें एक कमरे में आराम करने ले गए। अब वह बेहतर महसूस कर रहे हैं।

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हु जिंताओ कौन है

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ राजनेता हु जिनताओ 2002 से 2012 तक महासचिव और 2003 से 2013 तक पीपुल्स रिपब्लिक आफ चाइना के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके हैं। जिंताओ 2002 से 2012 तक चीन के सबसे सर्वोच्च नेताओं की गिनती में आते थे। वह चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के जरिए सत्ता में आए थे।

2013 में वह रिटायर हो गए थे। बताया जाता है कि जिंताओ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के विरोधी हैं। वह 2012 में दो बार चीन के राष्ट्रपति रह चुके है और वह आगे भीअपना कार्यकाल बढ़ाना चाहते थे। लेकिन पार्टी की नीतियों को वह बदलने में नाकाम रहे। उस समय चीन में किसी व्यक्ति को अधिकतम दो बार ही राष्ट्रपति बनने का अधिकार था। इस कानून को शी ने बदल दिया और अब वह तीसरी बार चीन की सत्ता पर काबिज रहे।

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