China: चार प्रतिशत से नीचे आ जाएगी चीन की GDP ग्रोथ, लेबर फोर्स में आ रही है गिरावट; उत्पादकता ग्रोथ में भी सुस्ती
भारत की अर्थव्यवस्था शानदार प्रदर्शन कर रही है। शेयर कीमतें आसमान छू रही हैं और बाजार भी कुलांचे भर रहा है । वहीं चीन की अर्थव्यवस्था 60 के दशक के बाद पहली बार सुस्ती की मार झेल रही है । चीन के राष्ट्रपति शी चिन फिंग ने भी अर्थव्यवस्था में सुस्ती और बढ़ती बेरोजगारी की बात स्वीकार की है ।
जागरण न्यूज नेटवर्क, बीजिंग। चीन सरकार का मुखपत्र माने जाने वाले समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स के ताजे अंक में पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की आर्थिक प्रगति, समाजिक विकास और वैश्विक ताकतों के साथ सामंजस्य बिठाने की कूटनीति की जम कर प्रशंसा की गई है। मालूम हो कि ग्लोबल टाइम्स आम तौर पर भारत की हर नीति और प्रगति पर विपरीत टिप्पणी करने के लिए जाना जाता है।
चीन में बढ़ रही बेरोजगारी
भारत की अर्थव्यवस्था शानदार प्रदर्शन कर रही है। शेयर कीमतें आसमान छू रही हैं और बाजार भी कुलांचे भर रहा है। वहीं, चीन की अर्थव्यवस्था 60 के दशक के बाद पहली बार सुस्ती की मार झेल रही है। चीन के राष्ट्रपति शी चिन फिंग ने भी अर्थव्यवस्था में सुस्ती और बढ़ती बेरोजगारी की बात स्वीकार की है।
चीनी सरकार पर 23 लाख करोड़ डालर का है कर्ज
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष का अनुमान है कि आने वाले वर्षों में चीन की जीडीपी ग्रोथ घट कर 4 प्रतिशत से नीचे आ जाएगी। वहीं, जून 2023 में चीन में युवाओं में 21.3 प्रतिशत बेरोजगारी दर दर्ज की गई। जुलाई 2023 में सालाना आधार पर चीन का निर्यात 14.5 प्रतिशत गिरा है। गोल्डमैन सैक्स के अनुसार चीन की ग्रोथ कमजोर रहेगी। चीन सरकार का कुल कर्ज 23 लाख करोड़ डालर है।
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इस वर्ष चीन की जीडीपी ग्रोथ 5.2 प्रतिशत रहेगीः IMF
वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष का अनुमान है कि 2024 में रिकवरी के साथ चीन की जीडीपी ग्रोथ 5.2 प्रतिशत रहेगी। इसके बाद चीन की अर्थव्यवस्था फिर से गिरावट की जद में आएगी और 2028 तक चीन की अर्थव्यवस्था 3-4 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। चीन की चुनौतियां चीन रियल एस्टेट सेक्टर में गिरावट, घटती आबादी और उत्पादकता ग्रोथ में सुस्ती की चुनौती का सामना कर रहा है। चीन में लेबर फोर्स में गिरावट आ रही है और वैश्विक निवेश पर रिटर्न भी कम हो रहा है।
वैश्चिक वृद्धि में 16 प्रतिशत योगदान करेगा भारत
भारत में एयरपोर्ट, पुल, सड़कों और स्वच्छ ऊर्जा इन्फ्रास्ट्रक्चर में किया गया सरकारी निवेश आर्थिक विकास को रफ्तार दे रहा है। 2024 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष का अनुमान है कि वैश्विक वृद्धि में में भारत की हिस्सेदार 16 प्रतिशत से अधिक रह सकती है।