'यह हमारा इलाका है', अरुणाचल में चोटी को दलाई लामा का नाम देने पर बौखला गया चीन
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एडवेंचर स्पोर्ट्स (NIMAS) की एक टीम ने अरुणाचल प्रदेश में 20942 फीट ऊंची एक अनाम चोटी पर चढ़ाई की थी और इसे छठे दलाई लामा त्सांगयांग ग्यात्सो के नाम पर रखने का फैसला लिया। भारत के इस फैसले से चीन आग बूबला हो उठा। चीन ने एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश को अपना इलाका बताने की हिमाकत की है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन ने एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश पर अधिकार जमाने की कोशिश की है। भारतीय पवर्ताराहियों ने अरुणाचल प्रदेश के एक पर्वत का नाम छठे दलाई लामा के नाम पर रखा तो चीन आग बबूला हो उठा। चीन ने इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की है।
NIMAS ने फतह की 21 हजार फुट की पहाड़ी चोटी
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एडवेंचर स्पोर्ट्स (NIMAS) की एक टीम ने अरुणाचल प्रदेश में 20,942 फीट ऊंची एक अनाम चोटी पर चढ़ाई की थी और इसे छठे दलाई लामा त्सांगयांग ग्यात्सो के नाम पर रखने का फैसला लिया। NIMAS रक्षा मंत्रालय के अधीन काम करता है।
रक्षा मंत्रालय के एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा,"छठे दलाई लामा के नाम पर पहाड़ी का नाम रखना उनकी अमर बुद्धिमत्ता और मोनपा समुदाय के प्रति उनके गहरे योगदान को सम्मानित करने के लिए है।"
Huge congratulations to Team @DirangNimas on their historic achievement!
— Pema Khandu པདྨ་མཁའ་འགྲོ་། (@PemaKhanduBJP) September 25, 2024
Led by Director @imRanveerJamwal, they've successfully summited an untamed peak in the Gorichen Massif of Mon Tawang Region of Arunachal Pradesh, reaching an impressive 6,383 meters!
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कौन थे त्सांग ग्यात्सो?
बता दें कि त्सांग ग्यात्सो का जन्म 1682 में मोन तवांग क्षेत्र में हुआ था। दलाई लामा रिग्जेन त्सांगयांग ग्यात्सो ने अरुणाचल प्रदेश के मोनपा समुदाय (Monpa community) के लिए काफी योगदान दिया है, जो पूर्वोत्तर भारत की एकमात्र खानाबदोश जनजाति है।
चीन ने क्या कहा?
जब इस मामले पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, आप किस बारे में बात कर रहे मुझे इसकी जानकारी नहीं है।उन्होंने कहा,"मुझे कहना चाहिए कि जंगनान (भारत का अरुणाचल प्रदेश) चीनी क्षेत्र है और भारत के लिए चीनी क्षेत्र में 'अरुणाचल प्रदेश' स्थापित करना अवैध है। वहीं, भारत लगातार चीन के दावों को निराधार बताता आया है। भारत ने कई बार साफ लफ्जों में कहा है कि अरुणाचल प्रदेश देश का अभिन्न अंग है।"इससे पहले पीएम मोदी के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर चीन ने आपत्ति जाहिर की थी। अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों का चीन ने नाम बदला है। यह भी पढ़ें: क्या खत्म होगा भारत-चीन सीमा विवाद? जयशंकर की खरी-खरी के बाद ड्रैगन के तेवर हुए नरम