Move to Jagran APP

China Taiwan Sanctions: अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी के दौरे से भड़का चीन, ताइवान पर लगाए कई प्रतिबंध

चीन ने ताइवान के खिलाफ कई प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। इनमें ताइवान से मछली समेत कुछ खाद्य उत्पादों के आयात और रेत के निर्यात पर रोक शामिल है। चीन में अमेरिकी राजदूत को बुलाकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है।

By Amit SinghEdited By: Updated: Wed, 03 Aug 2022 09:41 PM (IST)
Hero Image
अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी के दौरे से भड़का चीन (सोर्स- रायटर)
बीजिंग, एजेंसियां। ताइवान की सफल यात्रा के बाद अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी दक्षिण कोरिया पहुंच गई हैं। उनकी यात्रा से आगबबूला हुए चीन ने ताइवान के खिलाफ कई प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। इनमें ताइवान से मछली समेत कुछ खाद्य उत्पादों के आयात और रेत के निर्यात पर रोक शामिल है। चीन में अमेरिकी राजदूत को बुलाकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है और वाशिंगटन को अपनी इस गलती के लिए भारी कीमत चुकाने की धमकी भी दी है। अपनी ताकत दिखाने के लिए ताइवान के हवाई क्षेत्र में अपने लड़ाकू विमान भी भेजे और उसके आसपास समुद्री क्षेत्र में लाइव युद्धाभ्यास भी किया।

ताइवान के मामलों को देखने वाले चीन के स्टेट काउंसिल ने ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन करने वाले संगठनों, कंपनियों के लिए विरद्ध दंडात्मक उपायों की घोषणा की। ऐसे संगठनों और कंपनियों के प्रमुखों के चीन आने पर रोक होगी। स्टेट काउंसिल के प्रवक्ता ने कहा कि ताइवान से दो प्रकार की मछलियों, संतरा, नीबू और खट्टे फलों के आयात पर बुधवार से ही पाबंदी लगा दी गई है। ताइवान को रेत का निर्यात भी रोक दी जाएगी। कटु संबंध होने के बावजूद चीन और ताइवान बड़े व्यापारिक साझेदार हैं। पिछले साल दोनों देशों के बीच व्यापार 26 प्रतिशत बढ़कर 328.3 अरब डालर पर पहुंच गया था। चीन के उप विदेश मंत्री शी फेंग ने अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न को तलब कर कहा कि यह भी कहा कि अमेरिका चीन को रोकने के लिए ताइवान मुद्दे का इस्तेमाल करना तुरंत बंद कर दे।

प्रभावी और मजबूत कदम उठाएंगे

पेलोसी की यात्रा के विरोध में चीन द्वारा उठाए जाने वाले कदमों के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनिंग ने कहा, 'हमने जो कहा है वह करेंगे। थोड़ा धैर्य रखिए। ये उपाय मजबूत, प्रभावी और दृढ़ होंगे।' हुआ चीन के सहायक विदेश मंत्री भी हैं। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और किसी दूसरे देश के प्रतिनिधि के ताइपे की यात्रा पर भड़क जाता है। पेलोसी की यात्रा को लेकर उसने पहले भी धमकी दी थी। पेलोसी के ताइवान में रहने के दौरान उसने अपने 20 से ज्यादा लड़ाकू विमान भी उसके क्षेत्र में भेजे। समुद्र में भी ताइवान के चारों तरफ लाइव युद्धाभ्यास किया। इस दौरान ताइवान के खिलाफ सीधा हमला तो नहीं किया, लेकिन उसके आसपास कई हथियार दागे।

पेलोसी ने ताइवान के साथ दिखाई एकजुटता

मंगलवार की रात ताइपे पहुंची 82 वर्षीय पेलोसी ने बुधवार को ताइवानी संसद को संबोधित किया। ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका ताइवान को अकेला नहीं छोडे़गा। उसकी सुरक्षा करना अमेरिका की जिम्मेदारी है और इसे निभाएगा। उन्होंने ताइवान के मुक्त समाज की भी प्रशंसा की। पेलोसी ने कहा कि वह ताइवान की यात्रा पर इसलिए आई हैं कि इस क्षेत्र में शांति स्थापना हो। चीन को संदेश देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि उनकी यात्रा का उद्देश्य क्षेत्र में तनाव बढ़ाना नहीं है।

ताइवान को चीन की तरफ से साइबर हमले की आशंका

पेलोसी की यात्रा के बाद चीन की तरफ से साइबर हमले की आशंका को देखते हुए ताइवान ने भी तैयारी शुरू कर दी है। ताइवान की कैबिनेट के प्रवक्ता लो पिंग चेंग ने मीडिया से कहा कि बिजली संयंत्रों, हवाई अड्डों समेत बुनियादी ढांचे से जुड़े प्रमुख स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सभी सरकारी दफ्तरों को संभावित साइबर हमले से सतर्क किया गया है।