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Bhutan China Relation: भूटान के साथ सीमा विवाद को सुलझाने पर जोर दे रहा चीन, जानें क्या है ड्रैगन की नई रणनीति

चीन और भूटान सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत में तेजी लाने पर सहमत हो गए हैं। संयुक्त बयान के अनुसार चीन-भूटान सीमा मुद्दे पर 11वीं विशेषज्ञ समूह बैठक (ईजीएम) चीन के कुनमिंग शहर में 10 से 13 जनवरी तक आयोजित की गई थी।

By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sat, 14 Jan 2023 01:04 PM (IST)
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Bhutan China Relation: सीमा विवाद को सुलझाने पर चीन और भूटान का जोर
बीजिंग, एजेंसी। चीन और भूटान सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत में तेजी लाने पर सहमत हो गए हैं। जानकारी के अनुसार, चीन और भूटान ने तीन चरणों वाले रोडमैप के माध्यम से अपने सीमा विवाद को निपटाने और बातचीत में तेजी लाने के लिए सकारात्मक सहमति पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों देशों द्वारा जारी संयुक्त बयान के अनुसार, चीन-भूटान सीमा मुद्दे पर 11वीं विशेषज्ञ समूह बैठक (ईजीएम) चीन के कुनमिंग शहर में 10 से 13 जनवरी तक आयोजित की गई थी।

चीन और भूटान के बीच नहीं हैं राजनयिक संबंध

बता दें कि भूटान, चीन के साथ 477 किमी लंबी सीमा साझा करता है और सीमा विवाद को हल करने के लिए दोनों देशों ने सीमा वार्ता के 24 दौर आयोजित किए। चीन और भूटान के बीच राजनयिक संबंध नहीं हैं, लेकिन अधिकारियों द्वारा समय-समय पर यात्राओं के माध्यम से संपर्क बनाए रखा जाता है।

चीन ने 12 पड़ोसी देशों के साथ सुलझाया सीमा विवाद

दरअसल, भारत और भूटान ऐसे दो देश हैं, जिनके साथ चीन ने अभी तक सीमा समझौते को अंतिम रूप नहीं दिया है। जबकि बीजिंग ने 12 अन्य पड़ोसियों के साथ सीमा विवाद सुलझाया है। संयुक्त बयान में कहा गया है कि 11वीं विशेषज्ञ समूह बैठक में दोनों पक्षों ने स्पष्ट, सौहार्दपूर्ण और रचनात्मक माहौल में चीन-भूटान सीमा वार्ता में तेजी लाने के लिए तीन चरणों वाले रोडमैप पर समझौता ज्ञापन को लागू करने पर गहन विचार-विमर्श किया।

चीन और भूटान के बीच बनी सहमति

इसमें कहा गया है दोनों पक्ष तीन-चरणीय रोडमैप के सभी चरणों के कार्यान्वयन को एक साथ आगे बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने ईजीएम की आवृत्ति बढ़ाने और राजनयिक चैनलों के माध्यम से संपर्क बनाए रखने पर भी सहमति व्यक्त की। साथ ही चीन-भूटान सीमा वार्ता के 25वें दौर को जल्द से जल्द आयोजित करने पर सहमति जताई।

क्या बोले चीनी सहायक विदेश मंत्री

बयान में कहा गया है कि दोनों देशों ने 2021 में चीन-भूटान सीमा वार्ता में तेजी लाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसमें सीमा वार्ता और राजनयिक संबंधों की स्थापना को गति देने के लिए तीन-चरणीय रोडमैप तैयार किया गया है। वहीं, समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले चीनी सहायक विदेश मंत्री वू जियांगहाओ ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि आज हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन से सीमा पर वार्ता को तेज करने और दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित करने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने में सार्थक योगदान मिलेगा।

भारत और चीन के बीच बना तनाव

चीन ने हाल के वर्षों में भूटान के साथ राजनयिक संपर्क स्थापित करने और जटिल सीमा विवाद के समाधान के लिए बातचीत में तेजी लाने के प्रयास किए हैं। बता दें कि 2017 में डोकलाम पठार में सड़क बनाने के चीन के प्रयास के परिणामस्वरूप भारत-चीन के बीच एक बड़ा गतिरोध पैदा हुआ, जिससे दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव बढ़ गया। जिसके बाद भारत ने डोकलाम में चीनी सेना द्वारा सड़क निर्माण का कड़ा विरोध किया। यह गतिरोध तब समाप्त हुआ, जब बीजिंग ने सड़क बनाने की अपनी योजना को छोड़ दिया।

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