तिब्बत में अगले दलाई लामा का उत्तराधिकार तय करने पर चीन अड़ा, बड़ा सवाल क्या मिलेगी स्वीकृति
चीन तिब्बत के अगले दलाई लामा के उत्तराधिकार का फैसला करने पर आमादा है क्योंकि तिब्बत के वर्तमान आध्यात्मिक नेता तेनजिन ग्यात्सो छह जुलाई को 86 वर्ष के हो रहे हैं और उनकी बढ़ती उम्र के साथ उनका उत्तराधिकारी कौन होगा यह सवाल और अधिक गहरा हो गया है।
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sun, 27 Jun 2021 11:03 PM (IST)
ल्हासा, एएनआइ। चीन तिब्बत के अगले दलाई लामा के उत्तराधिकार का फैसला करने पर आमादा है क्योंकि तिब्बत के वर्तमान आध्यात्मिक नेता तेनजिन ग्यात्सो छह जुलाई को 86 वर्ष के हो रहे हैं और उनकी बढ़ती उम्र के साथ उनका उत्तराधिकारी कौन होगा यह सवाल और अधिक गहरा हो गया है। एशिया टाइम्स में ब्रुक शेडनेक ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि तिब्बत के बौद्धों ने कहा कि वे तेनजिन ग्यात्सो का अगला पुनर्जन्म पाएंगे, लेकिन चीन उनका उत्तराधिकार तय करने पर आमादा है।
दलाई लामा बौद्ध शिक्षाओं को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय तक पहुंचाने वाले एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। दलाई लामा के उत्तराधिकारी को पारंपरिक रूप से वरिष्ठ मठवासी शिष्यों द्वारा आध्यात्मिक संकेतों और दर्शन के आधार पर पहचाना जाता है।हालांकि, 2011 में चीनी विदेश मंत्रालय ने घोषणा की कि केवल बीजिंग में सरकार अगले दलाई लामा को नियुक्त कर सकती है और किसी अन्य उम्मीदवार को कोई मान्यता नहीं दी जानी चाहिए। दलाई लामा एक अत्यधिक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उत्तराधिकारी चुनना केवल एक धार्मिक ही नहीं बल्कि एक राजनीतिक मुद्दा भी है।
छह शताब्दियों में फैली दलाई लामाओं की 14 पीढि़यां उनके करुणा के कृत्यों और सभी जीवित प्राणियों को लाभ पहुंचाने की उनकी इच्छा से जुड़ी हुई हैं। वर्तमान दलाई लामा जब लगभग चार वर्ष के थे, तब उनका राज्याभिषेक हुआ और उनका नाम बदलकर तेनजिन ग्यात्सो कर दिया गया।आज अगले दलाई लामा के लिए चयन प्रक्रिया अनिश्चित बनी हुई है। चूंकि चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने तिब्बत पर आक्रमण कर उस पर कब्जा कर लिया था। तब दलाई लामा ने 1959 में भागकर भारत में शरण ली और निर्वासित सरकार की स्थापना की। दलाई लामा तिब्बती लोगों के लिए पूजनीय हैं। जिन्होंने पिछले 70 वर्षो के चीनी शासन में अपनी आस्था बनाए रखी है।
चीनी सरकार ने दसवें पंचेन लामा के उत्तराधिकारी के लिए दलाई लामा की पसंद को हिरासत में लिया, जिसका नाम गेधुन चोएक्यी न्यिमा (छह साल) का था। तब से चीन ने उसके ठिकाने का ब्योरा देने से इन्कार कर दिया है। पंचेन लामा तिब्बती बौद्ध धर्म में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण टुल्कू वंश है। नव चयनित पंचेन लामा को हिरासत में लिए जाने पर तिब्बती लोगों ने विद्रोह कर दिया।चीनी सरकार ने एक चीनी सुरक्षा अधिकारी के बेटे, अपने स्वयं के पंचेन लामा को नियुक्त करके जवाब दिया। पंचेन लामाओं और दलाई लामाओं ने ऐतिहासिक रूप से एक दूसरे के अगले अवतारों को पहचानने में प्रमुख भूमिका निभाई है। चीन भी अपना खुद का दलाई लामा नियुक्त करना चाहता है। लेकिन तिब्बती बौद्धों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे चयन प्रक्रिया के प्रभारी हों।
आमतौर पर इस बारे में भविष्यवाणियां की जाती हैं कि दलाई लामा का पुनर्जन्म कहां और कब होगा लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए और अधिक परीक्षण और संकेतों की आवश्यकता है। दलाई लामा को विश्वास है कि कोई भी चीनी सरकार की पसंद पर भरोसा नहीं करेगा। तिब्बती लोग चीन द्वारा नियुक्त दलाई लामा को कभी स्वीकार नहीं करेंगे।