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India Vs China: चीन आयोजित करेगा दूसरा हिंद महासागर फोरम सम्मेलन, भारत के लिए फिर बन सकता है सिरदर्द

चीन इस सप्ताह हिंद महासागर क्षेत्र फोरम का दूसरा सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है। यह कदम भारत से सटे रणनीतिक समुद्री क्षेत्र में अपनी दादागिरी बढ़ाने के लिए कई देशों को अपने साथ लाने की चीन की चाल है। पिछले वर्ष चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं के संगठन चीन अंतरराष्ट्रीय विकास सहयोग एजेंसी ने दक्षिणी पश्चिमी युन्नान प्रांत की राजधानी कुन्मिग में बैठक आयोजित की थी।

By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Wed, 06 Dec 2023 03:00 AM (IST)
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भारत पर दबाव बनाने को चीन आयोजित करेगा दूसरा हिंद महासागर क्षेत्र फोरम

एजेंसी, बीजिंग। चीन इस सप्ताह हिंद महासागर क्षेत्र फोरम का दूसरा सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है। यह कदम भारत से सटे रणनीतिक समुद्री क्षेत्र में अपनी दादागिरी बढ़ाने के लिए कई देशों को अपने साथ लाने की चीन की चाल है। पिछले वर्ष चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं के संगठन चीन अंतरराष्ट्रीय विकास सहयोग एजेंसी (सीआइडीसीए) ने दक्षिणी पश्चिमी युन्नान प्रांत की राजधानी कुन्मिग में बैठक आयोजित की थी। 

पिछली बैठक से दूर रहा मालदीव इस बार होगा शामिल

सीआइडीसीए ने बैठक में इंडोनेशिया, पाकिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव, नेपाल, अफगानिस्तान, ईरान, ओमान, दक्षिण अफ्रीका, केन्या, मोजांबिक, तंजानिया, सेशेल्स, मैडागास्कर, मारीशस, जिबूती, आस्ट्रेलिया समेत 19 देशों के भाग लेने का दावा किया था। भारत को आमंत्रित नहीं किया गया था और बाद में आस्ट्रेलिया और मालदीव ने भागीदारी से इन्कार किया।

लेकिन इस बार मालदीव ने बैठक में भाग लेने की घोषणा की है। चीन के इस प्रयास का उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के मजबूत प्रभाव का मुकाबला करना है। भारत समर्थित हिंद महासागर रिम संघ (आइओआरए) संगठन के 23 देश सदस्य हैं और इस संगठन का गहरा प्रभाव है। 1997 में गठित आइओआरए में चीन डायलाग पार्टनर है।

आइओआरए के अलवा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में 'क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास' (सागर) का प्रस्ताव रखा था। इस वर्ष की बैठक के बारे में आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय से जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि उपराष्ट्रपति हुसैन मोहम्मद लतीफ बैठक में भाग लेंगे। इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने भारत-प्रथम नीति अपनाई थी। नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु चीन समर्थक हैं।