China: कैबिनेट पर पार्टी का नियंत्रण बढ़ा, PM क्यांग हुए कमजोर; राष्ट्रपति शी चिनफिंग की शक्तियां और बढ़ीं
विधि विशेषज्ञों का कहना है कि 1982 के बाद यह पहली बार है कि स्टेट काउंसिल संगठित कानून संशोधन के जरिये शक्तियों को पार्टी के हाथ में लगातार हस्तांतरित किया जा रहा है। जिससे पार्टी के निर्देशों को सरकार ईमानदारी से लागू करे। बीजिंग में संशोधित स्टेट काउंसिल संगठित कानून के पक्ष में 2883 डेलीगेट रहे। आठ डेलीगेट ने विरोध में मत दिया और नौ अनुपस्थित रहे।
रायटर्स, बीजिंग। चीन की संसद ने सोमवार को कानून में संशोधन कर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को और शक्तिशाली बनाने को मंजूरी दे दी। कम्युनिस्ट पार्टी का अब कैबिनेट पर और नियंत्रण होगा। इससे राष्ट्रपति शी चिनिंफग की शक्तियों का और विस्तार होगा।
पीएम ने वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस की रद्द
तीन दशकों में यह पहली बार है कि जब प्रधानमंत्री का वार्षिक संवाददाता सम्मेलन रद्द कर दिया गया, जो अब तक पार्टी के नंबर दो नेता के रूप में आर्थिक मामलों के लिए जिम्मेदार थे। इस प्रेसवार्ता में पत्रकार किसी शीर्ष नेता से सीधे सवाल कर सकते थे। बीजिंग में सोमवार को नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के समापन दिवस पर संशोधित स्टेट काउंसिल संगठित कानून के पक्ष में 2,883 डेलीगेट रहे। आठ डेलीगेट ने विरोध में मत दिया और नौ अनुपस्थित रहे।
इस तरह सत्तारूढ कम्युनिस्ट पार्टी के नेता शी चिनफिंग के दृष्टिकोण को पूरा करने लिए बनाई गई योजना पर लगभग सर्वसम्मति थी। हाल के वर्षों में यह प्रधानमंत्री ली क्यांग के नेतृत्व में संचालित स्टेट काउंसिल की शक्तियों को धीरे-धीरे नष्ट करने की श्रृंखला में नवीनतम उपाय है।
1982 के बाद पहली बार पार्टियों को मिल रही पावर
विधि विशेषज्ञों का कहना है कि 1982 के बाद यह पहली बार है कि स्टेट काउंसिल संगठित कानून संशोधन के जरिये शक्तियों को पार्टी के हाथ में लगातार हस्तांतरित किया जा रहा है। जिससे पार्टी के निर्देशों को सरकार ईमानदारी से लागू करे। कानून में इस संशोधन से ऐसे अनुच्छेद जोड़े गए हैं, जिससे स्टेट काउंसिल पार्टी केंद्रीय समिति के अधिकार और केंद्रीकृत नेतृत्व की शक्तियों को ढृढ़ता से बनाए रखे।
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समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक,इससे पार्टी के नाम पर राष्ट्रपति शी चिनफिंग के विचारों को लागू करने को स्टेट काउंसिल विवश होगी। हांगकांग यूनिवर्सिटी में कानून के प्रोफेसर रियान मिशेल कहते हैं कि यह चीन के कार्यकारी प्राधिकारी के पुनर्गठन में महत्वपूर्ण बदलाव है।यह भी पढ़ें: China: चीन में ये क्या हो रहा? 30 साल पुरानी इस पुरानी परंपरा को प्रधानमंत्री ने किया खत्म; कई देश हुई हैरान