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China poverty: चीन में गरीबी को छिपाने के लिए लागू है सख्त सेंसरशिप, वीडियो पोस्ट करने पर भी मनाही

चीन में बहुत से लोग इस बात से अवगत नहीं हैं कि देश में गरीबी कितने चरम पर है। चीनी साइबरस्पेस प्रशासन ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने पार्टी और सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली हानिकारक जानकारी पोस्ट की तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sun, 07 May 2023 10:22 AM (IST)
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China poverty: चीन में गरीबी को छिपाने के लिए लागू है सख्त सेंसरशिप, वीडियो पोस्ट करने पर भी मनाही
बीजिंग, एजेंसी। China Poverty: चीन में बहुत से लोग इस बात से अवगत नहीं हैं कि देश में गरीबी कितने चरम पर है। द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में प्रचार और सेंसरशिप इसकी बड़ी वजह है।

हाल ही में, एक सेवानिवृत्त व्यक्ति का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें दिखाया गया था कि अपने मासिक पेंशन और आय का एकमात्र स्रोत से क्या किराने का सामान खरीद सकती है? बाद में वायरल वीडियो को चीनी अधिकारियों द्वारा हटा लिया गया।

चीनी अधिकारियों ने लगाया बैन

द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, एक चीनी सिंगर ने जब गंभीर वित्त और निराशाजनक नौकरी की संभावनाओं को लेकर गाना गाया तो उनके गाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। साथ ही उनके सोशल मीडिया को भी निलंबित कर दिया गया। चीन के अनुसार, यह एक समाजवादी देश है जिसका उद्देश्य आम समृद्धि को बढ़ावा देना है। बता दें कि 2021 में, शीर्ष नेता शी जिनपिंग ने 'गरीबी के खिलाफ लड़ाई में व्यापक जीत' की घोषणा की थी। लेकिन अब भी बहुत से लोग गरीबी में रह रहे हैं और अपना गुजारा कर रहे है।

इन वीडियो पर प्रतिबंध

चीन के साइबरस्पेस प्रशासन ने मार्च में घोषणा की कि अगर किसी व्यक्ति ने पार्टी और सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली हानिकारक जानकारी पोस्ट की तो, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों का मानना है कि इससे आर्थिक और सामाजिक विकास बाधित होगा। यह बूढ़े, विकलांग लोगों और बच्चों के उदास वीडियो पर प्रतिबंध लगाता है। द न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इन प्रतिबंधों के पीछे सरकार है जो चाहता है कि चीन को लेकर सबकुछ पॉजिटिव पेश किया जाए।

गरीबी को छिपाता आ रहा चीन

कम्युनिस्ट पार्टी इस बात की शेखी बघारती है कि उसने पिछले चार दशकों में कितने लोगों को गरीबी से बाहर निकाला, जबकि उसने यह उल्लेख करने से इंकार कर दिया कि कैसे उसने माओत्से तुंग के तहत पूरे देश को घोर गरीबी में धकेल दिया। द न्यू यॉर्क टाइम्स के अनुसार, समाचार मीडिया शायद ही कभी चीन में गरीबी के प्रणालीगत कारणों की रिपोर्ट करता है।