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US के पूर्व विदेश मंत्री अचानक पहुंचे बीजिंग, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ गेस्ट हाउस में हुई मुलाकात

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बीजिंग में पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर से मुलाकात की। उनकी मुलाकात अमेरिकी जलवायु दूत जॉन केरी की चीन में कार्य समाप्ति के बाद हुई है। पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने बीजिंग का अचानक दौरा किया था। उन्होंने ओयुताई स्टेट गेस्टहाउस में चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की। इस गेस्ट हाउस चीन के नेता अक्सर विदेशी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हैं।

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Thu, 20 Jul 2023 02:39 PM (IST)
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US के पूर्व विदेश मंत्री अचानक पहुंचे बीजिंग।
बीजिंग, एएनआई। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बीजिंग में पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर से मुलाकात की। उनकी मुलाकात अमेरिकी जलवायु दूत जॉन केरी की चीन में कार्य समाप्ति के बाद हुई है।

पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने बीजिंग का अचानक दौरा किया था। उन्होंने ओयुताई स्टेट गेस्टहाउस में चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की। इस गेस्ट हाउस चीन के नेता अक्सर विदेशी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हैं।

दोनों के बीच काफी अहम मुलाकात

यह बैठक किसिंजर की चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी और रक्षा मंत्री ली शांगफू से मुलाकात के बाद हुई है, जिन पर चीन द्वारा रूसी हथियारों की खरीद को लेकर 2018 से अमेरिकी प्रतिबंध लगा हुआ है। इस मुलाकात से पता चलता है कि किसिंजर को चीनी राष्ट्रपति कितना महत्व देते हैं।

चीन-अमेरिका के बीच रिश्तें नहीं है सामान्य

बता दें ये मुलाकात ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका और चीन के रिश्ते खराब चल रहे हैं। हाल ही में दोनों देशों के बीच सेमीकंडक्टर की इंडस्ट्री में काफी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली है।

इधर, चीन को ताइवान के साथ अमेरिका की बातचीत पसंद नहीं है। चीन ने बुधवार को कहा कि वह अमेरिका और ताइवान के बीच किसी भी प्रकार की आधिकारिक बातचीत का विरोध करता है।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा

चीन, अमेरिका और ताइवान क्षेत्र के बीच किसी भी प्रकार की आधिकारिक बातचीत का मजबूती से विरोध करता है, किसी भी नाम पर या किसी भी बहाने से 'ताइवान स्वतंत्रता' अलगाववादियों की अमेरिका यात्रा का विरोध करता है, और किसी भी प्रकार की अमेरिकी मिलीभगत का विरोध करता है।

बता दें कि चीनी जासूसी गुब्बारे पर अमेरिका नष्ट कर दिया था। इसके बाद से चीन और अमेरिका के बीच राजनयिक संबंध कम हो गए हैं।