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'बॉर्डर से पीछे हट रहे सैनिक', भारत के साथ सीमा समझौते पर बोला चीन; लेकिन इस सवाल पर ड्रैगन ने साधी चुप्पी

India-China Border Dispute भारत के साथ सीमा विवाद पर हुए समझौते को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इसका क्रियान्वयन सुचारू रूप से हो रहा है। हालांकि जब मंत्रालय की प्रवक्ता से पैट्रोलिंग शुरू करने से जुड़ा एक सवाल पूछा गया तो उन्होंने उस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पढ़ें चीन ने सीमा विवाद समझौते पर क्या-क्या कहा।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Mon, 04 Nov 2024 07:01 PM (IST)
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चीन ने टकराव बिंदुओं पर गश्त फिर से शुरू करने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। (File Image)
पीटीआई, बीजिंग। पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पीछे हटाने के लिए भारत के साथ हुए समझौते पर चीन ने सोमवार को कहा कि इसका क्रियान्वयन सुचारू रूप से हो रहा है। हालांकि, चीन ने देपसांग और डेमचोक में दो टकराव बिंदुओं पर गश्त फिर से शुरू करने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने मीडिया ब्रीफिंग में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'चीनी और भारतीय सैनिक सीमा क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर दोनों पक्षों द्वारा किए गए प्रस्तावों को लागू कर रहे हैं, जो फिलहाल सुचारू रूप से चल रहा है।'

पैट्रोलिंग के सवाल पर साधी चुप्पी

हालांकि, उन्होंने भारतीय सैनिकों द्वारा दोनों क्षेत्रों में गश्त शुरू करने पर एक विशिष्ट सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया। इससे पहले शनिवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने नई दिल्ली में मीडिया को बताया कि भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में दूसरे टकराव बिंदु देपसांग में सत्यापन गश्त शुरू कर दी है।

(21 अक्टूबर को भारत और चीन के बीच सीमा से जुड़े एक समझौते को अंतिम रूप दिया गया था। File Image)

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में दो टकराव बिंदुओं पर भारतीय और चीनी सैनिकों के पीछे हटने के एक दिन बाद शुक्रवार को डेमचोक में गश्त शुरू हुई थी। 21 अक्टूबर को, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दिल्ली में कहा कि पिछले कई हफ्तों से चल रही बातचीत के बाद भारत और चीन के बीच एक समझौते को अंतिम रूप दिया गया है और इससे 2020 में उठे मुद्दों का समाधान निकलेगा।

चार साल से चल रहा था गतिरोध

उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और सैनिकों की वापसी पर समझौते को अंतिम रूप दिया गया, जो चार साल से अधिक समय से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने में एक बड़ी सफलता है। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई थी, जो दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था।