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गलवान घाटी समेत इन चार जगहों से पीछे हटी चीनी सेना, NSA डोभाल की बैठक लाई रंग

गलवान घाटी सहित पूर्वी लद्दाख में चार स्थानों पर सैनिक पीछे हट गए हैं चीनी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी। चीनी विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत और चीन रूस में अपनी बैठक के दौरान द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए स्थितियां बनाने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं। सीमा पर स्थिति नियंत्रण में और स्थिर है।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 13 Sep 2024 10:40 PM (IST)
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गलवान घाटी और पूर्वी लद्दाख से पीछे हटे चीनी सैनिक (फाइल फोटो)

पीटीआई, बीजिंग।  चीनी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी सहित चार स्थानों से सैनिक पीछे हटे हैं। गुरुवार को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच बैठक हुई थी और इसमें दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई थी।

दोनों सेनाएं चार क्षेत्रों में पीछे हट गईं हैं

सीमा से सैनिकों को पूरी तरह से पीछे हटाने के लिए तत्परता से काम करने पर दोनों पक्ष सहमत हुए थे।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि दोनों सेनाएं चार क्षेत्रों में पीछे हट गईं हैं। सीमा पर स्थिति नियंत्रण में और स्थिर है।

विदेश मंत्रालय की साप्ताहिक ब्रीफिंग में यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों देश पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण चार साल से अधिक समय से जमे द्विपक्षीय संबंधों को पुनर्जीवित करने के करीब हैं, के जवाब में उन्होंने यह प्रतिक्रिया दी।

मतभेद दूर करेंगे दोनों देश

उन्होंने कहा कि चीन-भारत संबंधों की स्थिरता दोनों देशों के दीर्घकालिक हित में है। यह क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए भी बहुत जरूरी है। रूस में हुई बैठक में दोनों देशों ने सहमति को लागू करने, आपसी समझ और विश्वास बढ़ाने, निरंतर संचार बनाए रखने और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए स्थितियां बनाने पर सहमति जताई थी। चीनी विदेश मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि दोनों पक्ष व्यावहारिक दृष्टिकोण से अपने मतभेद दूर करेंगे।