चीन के लड़ाकू विमानों ने फिर लांघी सीमा, ताइवान के डिफेंस जोन में भेजे एंटी सबमरीन एयरक्राफ्ट
ताइवान न्यूज ने देश के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय का हवाला देते हुए बताया चीन ने ताइवान के एडीआईजेड में एक शानक्सी वाई-8 पनडुब्बी रोधी युद्ध (एएसडब्ल्यू) विमान भेजा है। ताइवान न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अक्टूबर की शुरुआत में चीन की तरफ से सबसे ज्यादा घुसपैठ हुई।
By Neel RajputEdited By: Updated: Sun, 26 Dec 2021 07:58 AM (IST)
ताइपे, एएनआइ। चीन ने शनिवार को क्रिसमस के दिन ताइवान के एयर डिफेंस आइडेंटीफिकेशन जोन (एडीआइजेड) में पनडुब्बी रोधी विमान भेजे हैं। ताइवान न्यूज ने देश के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय का हवाला देते हुए बताया, चीन ने ताइवान के एडीआइजेड में एक शानक्सी वाई-8 पनडुब्बी रोधी युद्ध (एएसडब्ल्यू) विमान भेजा है।
ताइवान न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अक्टूबर की शुरुआत में चीन की तरफ से सबसे ज्यादा घुसपैठ हुई, जिसमें 4 अक्टूबर को भेजे गए रिकार्ड 56 विमान शामिल हैं। बीजिंग ताइवान पर पूर्ण संप्रभुता का दावा करता है, जबकि देश की करीब ढाई करोड़ आबादी चीन की मुख्य सीमा से काफी अलग रहती है। दोनों पक्ष सात दशकों से अधिक समय से अलग-अलग शासित हैं।
दूसरी ओर, ताइपे ने अमेरिका सहित विभिन्न देशों के साथ रणनीतिक संबंध बढ़ाकर चीनी आक्रामकता का मुकाबला किया है, जिसका बीजिंग द्वारा बार-बार विरोध किया गया है। चीन ने धमकी दी है कि 'ताइवान की आजादी' का मतलब युद्ध है।
बता दें कि बीते बुधवार को भी चीन के चार लड़ाकू विमानों ने ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की थी। इस दौरान ताइवान के रक्षा मंत्री चिउ कुओ-चेंग ने बताया था कि जनवरी से अब तक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स देश के एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में करीब 940 से ज्यादा बार घुसपैठ कर चुका है। वायु रक्षा पहचान क्षेत्र वो प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली है, जो देशों को अपने हवाई क्षेत्र में घुसपैठ का पता लगाने में मदद करती है।
ऐसे क्षेत्र में प्रवेश करने वाले किसी भी विमान को अपने मार्ग और उद्देश्य को मेजबान राष्ट्र को रिपोर्ट करना चाहिए, हालांकि जोनों को अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र के रूप में वर्गीकृत किया जाता है और पायलट कानूनी रूप से ऐसी अधिसूचना बनाने के लिए बाध्य नहीं होते हैं। पिछले साल के मध्य सितंबर के बाद से, बीजिंग ने नियमित रूप से ताइवान के एडीआइजेड में विमानों को भेजकर अपनी ग्रे-जोन रणनीति को आगे बढ़ाया है। इनमें से अधिकांश घटनाएं जोन के दक्षिण-पश्चिम कोने में देखी गई हैं और आमतौर पर एक से तीन धीमी गति से उड़ने वाले टर्बोप्राप विमान होते हैं।